बरेली: ग्रेमी की प्रधान और रोजगार पति के खिलाफ जांच शुरू, जानिए पूरा मामला

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Published By Vikas Babu
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कई वित्तीय अनियमितताओं के हैं आरोप, जांच करने पहुंचे डीसी मनरेगा

फोटो- गांव ग्रेम में जांच करते डीसी मनरेगा गंगाराम वर्मा आदि।

बरेली, अमृत विचार। ग्राम पंचायत ग्रेमी में मनरेगा श्रमिकों के बजाय जेसीबी से तालाब की खुदाई कराने समेत तमाम आरोपों में घिरी प्रधान और उनके रोजगार सेवक पति के खिलाफ डीएम के आदेश पर दो सदस्यीय टीम ने जांच शुरू कर दी है। शनिवार को डीसी मनरेगा और आरईडी के एई ने गांव पहुंचकर तालाब और पुलिया निर्माण समेत कई कामों की जांच की। जांच में प्रथमदृष्टया गड़बड़ियां मिली हैं।

हाफिजगंज के गांव ग्रेम के सर्वेश ने पिछले महीने किसान दिवस में डीएम और कमिश्नर से शिकायत की थी कि उनके गांव में नवाबगंज में तैनात रोजगार सेवक ओमकार सिंह की पत्नी प्रधान हैं। रोजगार सेवक ओमकार ही पत्नी की प्रधानी संभालता है। पिछले साल मनरेगा के कामों के सोशल आडिट में करीब तीन लाख का घोटाला मिलने के बाद उसकी तैनाती नवाबगंज कर दी गई, लेकिन फिर भी वह ग्रेम में ही काम देख रहा है।

शिकायत में मनरेगा से खोदे गए तालाब को गलत तरीके से पाटने, उसकी सुरक्षा दीवार और पुलिया को जेसीबी से तुड़वाकर दो मीटर दूर दूसरी पुलिया बनवाने समेत कई गंभीर आरोप लगाए थे। डीसी मनरेगा गंगाराम वर्मा ने बताया कि करीब दो घंटे गांव में जांच की गई है। जल्द ही रिपोर्ट उच्चाधिकारियों को भेज दी जाएगी।

पाटे तालाब की फिर होगी खुदाई
जांच टीम को ग्रेम गांव में कई अनियमितताएं मिलीं। खोदे गए तालाब को फिर पाटने का पता चलने पर टीम ने नाराजगी भी जताई। इसके साथ इस तालाब को फिर खुदवाने के निर्देश दिए। जांच में गोशाला के नाम से अवैध पक्कानिर्माण भी मिला है। उसे भी बीडीओ को हटवाने के निर्देश दिए गए।

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