अयोध्या : परिवहन निगम को राज्य आपदा विभाग करेगा 3 अरब 48 करोड़ बकाया का भुगतान
शासन के प्रमुख सचिव ने जारी किया पत्र,राज्यपाल ने जारी की थी वित्तीय स्वीकृति
अयोध्या, अमृत विचार। कोविड काल के दौरान प्रवासी मजदूरों, दूसरे प्रदेशों में फंसे कोचिंग छात्रों और क्वारंटीन लोगों को उनके घरों तक पहुंचाने का जिम्मा संभालने वाली उत्तर प्रदेश परिवहन निगम को बकाया किराये के भुगतान का मार्ग साफ़ हो गया है। परिवहन निगम के प्रबंध निदेशक की बकाया भुगतान डिमांड को लेकर शासन के प्रमुख सचिव ने राज्य आपदा विभाग को बकाया किराया मद में 3 अरब 48 करोड़ 89 हजार रूपये का भुगतान करने का आदेश जारी किया है। बकाया भुगतान के लिए गत माह ही राज्यपाल ने वित्तीय स्वीकृति प्रदान की थी।
गौरतलब है कि परिवहन निगम के प्रबंध निदेशक की ओर से 16 नवंबर 2022 को पत्र भेज कर शासन से कोविड काल के बकाया किराये के भुगतान की मांग की गई थी। जिसको लेकर शासन के अपर मुख्य सचिव सुधीर गर्ग ने 19 जून 2023 को परिवहन विभाग के प्रमुख सचिव को पत्र भेज जानकारी दी थी कि बकाया किराये के भुगतान के लिए राज्यपाल ने वित्तीय स्वीकृति दी है। बावजूद इसके परिवहन निगम को बकाया किराये का भुगतान नहीं मिला तो प्रबंध निदेशक की ओर से 30 जून 2023 को फिर से पत्र भेजा गया और कहा गया कि बकाया किराये की धनराशि 348.89 करोड़ के देयकों का सत्यापन पूर्व में गठित समिति की ओर से किया जा चुका है। साथ ही प्रबंध निदेशक ने जल्द से जल्द बकाया किराये के भुगतान का अनुरोध किया।
इसके बाद शासन शासन के प्रमुख सचिव एल वेंकटेश्वर लू की ओर से परिवहन आयुक्त को पत्र भेज बताया है कि कोविड-19 महामारी के दौरान परिवहन निगम की ओर से उपलब्ध करायी गयी आकस्मिक बस सेवा के देयको की बकाया धनराशि 348.89 करोड़ रूपये के भुगतान के संबंध में राज्य आपदा विभाग को अवशेष रकम के भुगतान का निर्देश दिया गया है। राज्यपाल की ओर से इसके लिए पूर्व में वित्तीय स्वीकृति प्रदान की गई है।
आपदा के समय परिवहन निगम को मिला था फंसे लोगों को लाने का जिम्मा
देश में कोरोना वाइरस के संक्रमण को लेकर लॉक डाउन घोषित कर दिया गया था और यातायात साधनों ट्रेन-बस आदि के संचालन पर रोक लगा दी गई थी। जिसके चलते रोजी-रोजगार और कोचिंग-पढ़ाई के लिए विभिन्न प्रदेशों को गए प्रदेश के लोग फंस गए थे। हाहाकार मचने के बाद प्रदेश सरकार की ओर से लॉक डाउन के दौरान दिल्ली एवं मथुरा बॉर्डर पर एकत्र प्रवासी मजदूरों, श्रमिकों, प्रदेश के विभिन्न जनपदों में क्वारंटीन से मुक्त लोगों, प्रदेश के विभिन्न जनपदों के शिविरों में रह रहे प्रवासियों तथा राजस्थान राज्य के कोटा में फंसे कोचिंग के विद्यार्थियों को उनके घरों तक सकुशल पहुंचाने के लिए आकस्मिक सेवा के तहत रोडवेज महकमें की बसों को लगाया गया था। परिवहन निगम के विभिन्न डिपो की बसों ने एनसीआर क्षेत्र के बार्डर के अलावा राजस्थान, हरियाणा, मध्य प्रदेश आदि राज्यों से लोगों को 28 मार्च 2020 से 6 मार्च 2021 के बीच लाने का काम किया था। जिसके किराये के एवज में निगम का प्रदेश सरकार पर 3 अरब 48 करोड़ 89 हजार रूपये का बकाया था।
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