प्रयागराज : कृषि योग्य भूमि अधिग्रहण मामले में दलाई लामा के खिलाफ याचिका पर हस्तक्षेप से इन्कार

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Published By Pradumn Upadhyay
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अमृत विचार, प्रयागराज । इलाहाबाद हाईकोर्ट ने दलाई लामा के खिलाफ भूमि अधिग्रहण मामले से संबंधित एक याचिका पर विचार करने से इनकार करते हुए कहा कि उत्तर प्रदेश राजस्व संहिता, 2006 की धारा 90 के एक प्रावधान के अनुसार कोई विदेशी नागरिक राज्य सरकार से लिखित अनुमति प्राप्त करने के बाद किसी संपत्ति पर अधिकार प्राप्त कर सकता है।

हालांकि वर्तमान मामले में यह सिद्ध नहीं किया गया कि राज्य सरकार से पूर्व अनुमति नहीं ली गई थी, इसलिए जनहित याचिका को वापस ले लिया गया मानकर खारिज कर दिया गया है। इसके साथ ही कोर्ट ने यह भी नोट किया कि जिस जमीन की बात हो रही है, वह दलाई लामा के एक अनुयायी के बेटे ने लामा को दान में दी थी।

रजिस्ट्री उनके नाम पर की गई थी और 2010 तक उक्त संपत्ति के लिए उनके द्वारा विधिवत कृषि कर का भुगतान किया गया था। इसके बाद राज्य सरकार ने क्षेत्र के किसानों को उनके बकाया कर का भुगतान करने से छूट दे दी। मालूम हो कि याची श्रीमती शोभा सिंह एक स्कूल शिक्षिका तथा रोटरी क्लब, कुशीनगर की सक्रिय सदस्य हैं। एक स्थानीय अखबार की रिपोर्ट से उन्हें पता चला कि दलाई लामा के नाम पर कृषि योग्य भूमि अधिगृहित है।

याची का तर्क है कि संहिता, 2006 की धारा 90 सहपठित उत्तर प्रदेश जमींदारी उन्मूलन और भूमि सुधार अधिनियम, 1950 की धारा 154 ए के तहत कोई विदेशी व्यक्ति भारत में संपत्ति का स्वामित्व हासिल नहीं कर सकता। अतः उन्होंने प्रार्थना की कि उक्त भूमि को जनता के हित में वितरित कर दिया जाए, जिस पर कोर्ट ने हस्तक्षेप से इनकार कर दिया।

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