हल्द्वानी: कलसिया पुल मांग रहा मरम्मत, 2 वर्षों नहीं मिला ठेकेदार
हल्द्वानी, अमृत विचार। काठगोदाम चौकी से पूर्व कलसिया नाले के ऊपर 2 लेन के पुल बनाए गए है, लेकिन बीते 2 वर्षों से अधिक का समय बीत चुका हैं। पुल के मरम्मत के लिए कोई ठेकेदार नहीं मिल पा रहा है। वहीं पुल की मरम्मत न होने से पुल के नट-बोल्ट ढीले पड़ रहे है। जबकि नियमति तौर पर इसी पुल से बड़े वाहनों का निकलना होता है।
वहीं मैदानी से पर्वतीय इलाकों को जोड़ने में अहम भूमिका अदा करता है, लेकिन इसके बाद भी लंबे समय नहीं हो पाई मरम्मत। हल्द्वानी से कुमाऊं को जोड़ने वाला कलसिया पुल अत्यंत महत्वपूर्ण है, इसी पुल से रोजाना नैनीताल, अल्मोड़ा, पिथौरागढ़, चंपावत और बागेश्वर समेत पहाड़ी इलाकों के लिए बाहरी राज्य से आने वाले पर्यटक व स्थानीय लोग कलसिया पुल से होकर गुजरते है।
लंबे समय से पुल की मरम्मत न होने से पुल खस्ताहाल हो रहा है, लोहे का बना कलसिया पुल के नट व बोल्ड डीले पड़ रहे है। जिससे पुल से निकलने वाले वाहनों के लिए खतरा बना हुआ है। पूर्व में भी 6 बार निविदा निकाली गई थी लेकिन कार्य के लिए कोई ठेकादार ही नहीं मिल पाया। वहीं पुल की खस्ताहाल होने पर 2 वर्ष पहले एनएच हल्द्वानी डिवीजन ने टेंडर आमंत्रित कर ठेकेदार का चयन कर लिया था। अनुबंध के मुताबिक 2.34 करोड़ रुपये की लागत से कार्य होना था लेकिन कार्य शुरू नहीं हो पाया। जिसके बाद फरवरी 2022 में विभाग ने ठेकेदार से कार्य शुरू करने की बात कही लेकिन ठेकेदार ने महंगाई का हवाला देते हुए अपने हाथ पीछे खींच लिए।
जबकि पुल की कमजोर स्थिति को देखते हुए अस्थाई तौर पर काम चलाने के लिए बैली ब्रिज फिट कर दिया गया था। विभाग खफलत में था की जल्द ही ठेकेदार का चयन हो जाएगा लेकिन अगस्त 2021 से अभी तक 6 बार टेंडर निकलने के बाद भी किसी ने कलसिया पुल के कार्य में विशेष रूची नहीं दिखाई। इधर सहायक अभियंता विजय कुमार ने बताया कि अंतिम बार 22 अक्टूबर को टेंडर आमंत्रित किया था। लेकिन ठेकेदार के नहीं मिलने से कार्य पूरा नहीं हो पाया। वहीं दोनों लेन के चौड़ीकरण के साथ ही पुल की मरम्मत कार्य को पूरा किया जाएगा।
काठगोदाम पुल की भी हालत दयनीय, मरम्मत की दरकार
काठगोदाम पुल की भी हालत दयनीय अवस्था में पहुंच गई है। पुल के पीलर के नीचले हिस्से में गौलानदी के तेज पानी के कटाव से दरार आ गई है। पुल की मरम्मत की दरकार है, लेकिन मरम्मत न होने से पुल जर्जर हालत में पहुंच रहा है। इसी पुल से लोग गौलापार समेत कई इलाकों के लिए आवागमन करते है। इसमें हैड़ाखान, रौशेला, पदमपुरी, धानाचूली समेत हल्द्वानी-नैनीताल से जुड़ने के लिए इसी पुल का उपयोग करते है।
