सरकार की प्रतिबद्धता

सरकार की प्रतिबद्धता

नीति आयोग ने सोमवार को बहुआयामी गरीबी सूचकांक (एमपीआई) 2023 की रिपोर्ट जारी की है। रिपोर्ट की मानें तो भारत 2030 की समय सीमा से बहुत पहले सतत विकास लक्ष्य (एसडीजी) हासिल करने की राह पर है। राज्यों, संघ राज्य क्षेत्रों और 707 प्रशासनिक जिलों के लिए बहुआयामी गरीबी संबंधी अनुमान प्रदान करने वाली रिपोर्ट से पता चलता है कि भारत में पांच वर्ष में 13.5 करोड़ लोग बहुआयामी गरीबी से बाहर आए हैं।

उत्तर प्रदेश में गरीबों की संख्या में सबसे अधिक गिरावट दर्ज की गई है। इसके बाद बिहार, मध्य प्रदेश, ओडिशा और राजस्थान का स्थान आया है। एमपीआई गरीबी को उसके कई आयामों में मापने का प्रयास करता है और वास्तव में प्रति व्यक्ति खपत व्यय के आधार पर गरीबी के आंकड़े प्रदान करता है।

सूचकांक देश में गरीबी की एक समग्र तस्वीर प्रस्तुत करता है। साथ ही उन क्षेत्रों-राज्य या ज़िलों, एवं विशिष्ट क्षेत्रों का और अधिक गहन विश्लेषण प्रस्तुत करता है जो मौजूदा मौद्रिक गरीबी आंकड़ों के लिए एक पूरक के रूप में कार्य करता है।

सूचकांक का विकास एक सार्वजनिक नीति उपकरण स्थापित करने की दिशा में महत्वपूर्ण योगदान देता है जो बहुआयामी गरीबी का निरीक्षण करता है, साक्ष्य-आधारित और केंद्रित हस्तक्षेपों को सूचित करता है, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि विकास की दौड़ में कोई भी पीछे न छूटे।  

इसके तीन आयामों स्वास्थ्य, शिक्षा और जीवन स्तर को 12 संकेतकों द्वारा दर्शाया जाता है, जैसे-पोषण, स्कूल में नामांकन, स्कूली शिक्षा, पेयजल, स्वच्छता, आवास, बैंक खाते आदि। इस रिपोर्ट में जमीनी स्तर पर सभी 12 एमपीआई संकेतकों में पर्याप्त सुधार दर्शाया गया है। यानि स्वच्छता, पोषण, रसोई गैस, वित्तीय समावेशन, पेयजल और बिजली तक पहुंच में सुधार पर सरकार के फोकस से इन क्षेत्रों में महत्वपूर्ण प्रगति हुई है। 

बहुआयामी गरीबी सूचकांक (एमपीआई) के सभी 12 मापदंडों में उल्लेखनीय सुधार हुआ है। पोषण अभियान और एनीमिया मुक्त भारत जैसे प्रमुख कार्यक्रमों ने स्वास्थ्य में अभावों को कम करने में योगदान प्रदान किया है, जबकि स्वच्छ भारत मिशन (एसबीएम) और जल जीवन मिशन जैसी पहलों ने देशभर में स्वच्छता संबंधी सुधार किया है।

विश्लेषकों के अनुसार सौभाग्य, प्रधानमंत्री आवास योजना, प्रधानमंत्री जनधन योजना और समग्र शिक्षा जैसी पहलों ने भी बहुआयामी गरीबी को कम करने में प्रमुख भूमिका निभाई है। विशेष रूप से बिजली के लिए अत्यन्त कम अभाव दर, बैंक खातों तक पहुंच तथा पेयजल सुविधा के माध्यम से उल्लेखनीय प्रगति नागरिकों के जीवन को बेहतर बनाने के लिए सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाती है।

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