हिमाचल प्रदेश के DGP ने कहा- बाढ़ में बहकर आए शवों की पहचान के लिए किया जा रहा है DNA परीक्षण
बिलासपुर (हिमाचल प्रदेश)। हिमाचल प्रदेश पुलिस नदियों और नालों से बरामद होने वाले शवों की पहचान के लिए डीएनए परीक्षण कर रही है। राज्य में हाल में आई बाढ़ में लापता हुए लोगों के परिवारों की उम्मीदें पुलिस के खोज अभियान पर टिकी हुई हैं।
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हिमाचल प्रदेश के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) संजय कुंडू ने शुक्रवार को संवाददाताओं को बताया कि बाढ़ के कई दिन बाद तक नदियों और नालों के साथ बहकर शव नदी के किनारों पर आ जाते हैं, इसलिए भारत आरक्षित वाहिनी (आईआरबी) के दलों को सतलुज और व्यास नदी के तटों पर कड़ी नजर रखने का निर्देश दिया गया है।
कुंडू ने बताया कि पुलिसकर्मियों को बरामद शवों को तत्काल कब्जे में लेने और उनकी पहचान सुनिश्चित करने और आवश्यक कार्रवाई शुरू करने का निर्देश दिया गया है। उन्होंने आपदा के बाद अपनों की तलाश में भटक रहे लोगों को पुलिस से संपर्क करने की सलाह भी दी। अधिकारी ने दावा किया कि हिमाचल प्रदेश देश का पहला राज्य है, जिसने अज्ञात शवों का डीएनए डेटाबेस तैयार किया है।
उन्होंने कहा कि यह प्रक्रिया पिछले साल अप्रैल में शुरू की गई थी और अब तक अज्ञात शवों के 150 से अधिक डीएनए नमूने डेटाबेस में संग्रहीत किए गए हैं। डीजीपी ने बताया कि शुक्रवार तक राज्य में लगभग 70 हजार लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जा चुका है।
उन्होंने बताया कि सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाए गए लोगों में अधिकतर पर्यटक हैं। उन्होंने बताया कि लगभग 12 हजार फंसे हुए पर्यटक वाहनों को निकाला गया और 29 देशों के 697 विदेशी पर्यटकों को भी सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है।
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