बरेली: सड़क के ऊपर बना लिया होटल, अनदेखी कर रहा है नगर निगम

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Published By Vikas Babu
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सराय एक्ट में पंजीकरण भी नहीं, 10 साल पहले नोटिस के बाद नहीं हुई कार्रवाई

बरेली, अमृत विचार। सड़क के ऊपर अवैध रूप से बने होटल पर पर्यटन विभाग और नगर निगम दोनों मेहरबान हैं। पर्यटन विभाग रजिस्ट्रेशन न होने के बावजूद होटल पर कोई कार्रवाई करने को तैयार नहीं है और नगर निगम अतिक्रमण की अनदेखी कर रहा है। चार मंजिला होटल पर टैक्स भी काफी कम लगाया गया है, जिस पर सवाल उठ रहे हैं। नगर निगम के टैक्स विभाग के अधिकारी अब मामले की जांच कराने की बात कह रहे हैं।

दर्जी चौक इलाके में एक हजार वर्ग फुट के बेसमेंट हॉल के साथ यह होटल चार मंजिल का बना हुआ है। सहायक निदेशक पर्यटन प्रीति श्रीवास्तव ने 22 दिसंबर 2010 को होटल मालिक गांधी मोहन सक्सेना को होटल के सराय एक्ट में पंजीकरण के लिए भू स्वामित्व प्रमाण पत्र, अग्निशमन विभाग की एनओसी, नगर निगम का फूडिंग और लॉजिंग लाइसेंस और बीडीए से स्वीकृत नक्शा उपलब्ध न कराने पर नोटिस दिया था।

इसके बाद डीएम कार्यालय से 24 दिसंबर 2015 से नोटिस जारी हुआ कि सराय एक्ट में पंजीकरण के लिए आवेदन के 10 साल बाद भी आवश्यक प्रपत्र प्रस्तुत नहीं किए गए। एक महीने में यह औपचारिकता पूरी करने की चेतावनी दी लेकिन फिर पूरी प्रक्रिया ठप हो गई।

नगर निगम के टैक्स विभाग ने भी मेहरबानी दिखाते हुए चार मंजिला होटल पर सिर्फ 35 हजार का टैक्स लगाया। अफसरों ने नगर निगम के ही मानचित्रकार की उस रिपोर्ट को भी नजरअंदाज कर दिया जिसमें कहा गया था कि होटल मालिक ने सड़क के ऊपर भी निर्माण कर उसे ढक दिया है। इस समय जोन- 2 का चार्ज संभाल रहे अफसर का कहना है कि मामले की जांच की जाएगी।

आरटीआई में बार-बार गलत जानकारी
साहूकारा के अशोक कुमार ने इस मामले में 12 जुलाई 2019 को पर्यटन अधिकारी से जनसूचना अधिकार के तहत जानकारी मांगी कि होटल नारायण का सराय एक्ट में पंजीकरण न क्या कार्रवाई की गई है। जवाब दिया गया कि सराय एक्ट की सभी कार्रवाई सिटी मजिस्ट्रेट बरेली करते हैं।

हालांकि इससे पहले 2010 में सहायक निदेशक पर्यटन ने ही सराय एक्ट में पंजीकरण के लिए होटल मालिक को नोटिस जारी किया था। बड़ा बाजार के आशीष अग्रवाल ने नवंबर 2020 में जानकारी मांगी तो बताया कि होटल सराय एक्ट में पंजीकृत नहीं है। आशीष के मुताबिक दो साल बाद फिर सूचना मांगी तो गलत जानकारी दी गई।

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