AIPEF नौ अगस्त को मनाएगा देश भर में निजीकरण विरोध दिवस
जालंधर। बिजली संशोधन बिल 2022 सहित सभी निजीकरण प्रयासों को वापस लेने के नारे के साथ ऑल इंडिया पावर इंजीनियर्स फेडरेशन (एआईपीईएफ) की ओर से नौ अगस्त को देश भर के सभी राज्यों की राजधानियों और केंद्र शासित प्रदेशों में निजीकरण विरोधी दिवस मनाया जाएगा।
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एआईपीईएफ के अध्यक्ष शैलेन्द्र दुबे ने सोमवार को कहा कि नयी दिल्ली में बिजली कर्मचारियों और इंजीनियरों की राष्ट्रीय समन्वय समिति (एनसीसीओईईई) की बैठक में यह निर्णय लिया गया। उन्होंने कहा कि बैठक में 19 मार्च 2023 को हुए समझौते को धोखा देकर यूपी पावर कर्मचारियों और इंजीनियरों के उत्पीड़न का विरोध किया गया।
उन्होंने कहा कि 124 कर्मचारियों को निलंबित कर दिया गया और 2400 संविदा कर्मियों को नौकरी से हटा दिया गया। उन्हें अभी तक बहाल नहीं किया गया है। यूपी पावर कॉरपोरेशन यूपी पावर सेक्टर में काम कर रहे सभी 70 हजार संविदा कर्मियों को बाहर निकालने की योजना बना रहा है और उनकी जगह पूर्व सैनिकों को नौकरी पर रखा जाएगा।
एनसीसीओईईई और उसके सभी घटकों ने यूपी के बिजली कर्मियों के साथ मजबूती से खड़े रहने का संकल्प लिया। एआईपीईएफ के प्रवक्ता वी के गुप्ता ने बताया कि हड़ताल के दौरान 19 मार्च 2023 को प्रेस वार्ता में, उत्तर प्रदेश के बिजली मंत्री ने यूनियनों से विशिष्ट प्रतिबद्धता के साथ हड़ताल वापस लेने का अनुरोध किया कि तीन दिसंबर, 2022 के समझौते के सभी संबंधित मामलों का सम्मान किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि हो रहे उत्पीड़न ने बिजली मंत्री द्वारा मीडिया और उसके बाद सरकारी प्रेस विज्ञप्तियों के समक्ष किए गए वादों का स्पष्ट उल्लंघन किया है। एनसीसीओईईई संसद के शीतकालीन सत्र के दौरान बिजली (संशोधन) विधेयक 2022, बिजली क्षेत्र के निजीकरण का विरोध करते हुए दिल्ली चलो रैली का आयोजन करेगा।
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