बांद्रा पुलिस स्टेशन रिया का दूसरा घर: विकास सिंह

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नई दिल्ली। अभिनेत्री रिया चक्रवर्ती की शिकायत पर मुंबई पुलिस ने सुशांत सिंह राजपूत की बहनों व अन्य के खिलाफ मंगलवार को एफआईआर दर्ज किया है, जिसके कुछ घंटों बाद दिवंगत अभिनेता के परिवार का प्रतिनिधित्व करने वरिष्ठ अधिवक्ता विकास सिंह ने मुंबई पुलिस पर निशाना साधा है। यहां मीडिया से बात करते हुए, विकास सिंह …

नई दिल्ली। अभिनेत्री रिया चक्रवर्ती की शिकायत पर मुंबई पुलिस ने सुशांत सिंह राजपूत की बहनों व अन्य के खिलाफ मंगलवार को एफआईआर दर्ज किया है, जिसके कुछ घंटों बाद दिवंगत अभिनेता के परिवार का प्रतिनिधित्व करने वरिष्ठ अधिवक्ता विकास सिंह ने मुंबई पुलिस पर निशाना साधा है।

यहां मीडिया से बात करते हुए, विकास सिंह ने कहा, “आज मुंबई पुलिस की ओर से एक एफआईआर दर्ज की गई है। बांद्रा पुलिस स्टेशन संभवत: उनका (रिया) दूसरा घर बन गया है। बांद्रा पुलिस की ओर से दर्ज एफआईआर स्पष्ट तौर पर सुप्रीम कोर्ट के आदेश की अवहेलना है।”

सुप्रीम कोर्ट ने बीते माह एसएसआर की मौत मामले में निकट भविष्य में आपराधिक मामला दर्ज करने या जांच जारी रखने के सारे विकल्प बंद कर दिए थे। उन्होंने कहा, ” जो रिया अपने एफआईआर के जरिए कहना चाह रही हैं, उन्हें वह सीबीआई को एक बयान के तौर पर बताना चाहिए।”

मुंबई पुलिस ने मंगलवार को सुशांत सिंह राजपूत की बहन प्रियंका सिंह और मीतू सिह, और दिल्ली स्थित राम मनोहर लोहिया के एक डॉक्टर के खिलाफ एक एफआईआर दर्ज की है। बांद्रा पुलिस स्टेशन में एनडीपीएस एक्ट की विभिन्न धाराओं, धोखाधड़ी, आत्महत्या के लिए उकसाना, आपराधिक साजिश के तहत मामला दर्ज कराया गया है। वरिष्ठ अधिवक्ता विकास सिंह ने कहा कि मुंबई पुलिस ने एनडीपीएस की धाराओं के तहत मामला दर्ज किया है, क्या वे इससे रिया को खुश करना चाहते हैं।

विकास सिंह ने कहा, “यह एफआईआर सुप्रीम कोर्ट की कार्यवाही का स्पष्ट उल्लंघन है। इसके अलावा एक और जजमेंट है, जो कहता है कि जब किसी डॉक्टर के खिलाफ मामला दर्ज किया जाएगा, तो एक मेडिकल टीम का गठन किया जाएगा और इसके बाद ही ऐसा कोई कदम को उठाया जा सकता है।”

इससे पहले सोमवार की रात को, सिंह ने कहा था कि अगर मुंबई पुलिस इस शिकायत को आगे ले जाएगी, तो वह ‘कोर्ट की कार्यवाही की अवमानना का मामला’ उठाएंगे। सिंह ने यहां प्रेस कांफ्रेंस में कहा था, “मुंबई पुलिस को ऐसी किसी भी शिकायत को स्वीकार नहीं करना चाहिए, क्योंकि यह सुप्रीम कोर्ट के ऑर्डर का स्पष्ट उल्लंघन है। आदेश में स्पष्ट रूप से सीबीआई के अलावा किसी अन्य एजेंसी की ओर से नई शिकायत को दर्ज करने की मनाही है।”

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