मुरादाबाद : वैदिक अपहरण कांड के मास्टरमाइंड हिस्ट्रीशीटर कैलाश कश्यप को भेजा जेल, जानें पूरा मामला

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Published By Bhawna
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 वैदिक के अपहरण में अभियुक्तों ने फर्जी आईडी वाले सिम के प्रयोग से मांगी थी 40 लाख रुपये की फिरौती

जयंतीपुर के नाजिम के नाम से था सिम, अपहरणकर्ताओं को सिम देने वाले दुकानदार को खोज रही पुलिस

मुरादाबाद, अमृत विचार।  मझोला थाना पुलिस ने शनिवार को अपहरणकांड का मास्टरमाइंड कैलाश कश्यप को भी जेल भेज दिया है। कैलाश सिविल लाइंस थाने का हिस्ट्रीशीटर है। नवीन नगर निवासी कैलाश के विरुद्ध सिविल लाइंस थाने में तीन केस पहले से दर्ज हैं।

बुद्धि विहार के नवनीत गुप्ता के सात वर्षीय बेटे वैदिक के अपहरण मामले में अपहरणकर्ताओं ने जिस मोबाइल से नवनीत गुप्ता को फोन कर 40 लाख रुपये की फिरौती मांगी थी, उस फोन में प्रयोग हो रहा सिम जयंतीपुर के नाजिम के नाम से था। नाजिम के नाम से जारी सिम अपहरणकर्ताओं को कहां से मिला, इस पर पुलिस जांच कर रही है। संबंधित सिम विक्रेता को खोज रही है।

विवेचक सतीश कुमार शर्मा ने बताया कि उन्होंने नाजिम से संपर्क किया है। वह पढ़ा-लिखा भी नहीं है, अशिक्षित मजदूर है। इसके विरुद्ध कोई क्राइम हिस्ट्री भी नहीं है। ऐसे में स्पष्ट है कि जिस दुकानदार से अपहरणकर्ताओं को सिम मिला है, वह विक्रेता फर्जी आइडी पर सिम जारी कर अपहरणकर्ताओं को दिया है। निरीक्षक अपराध सतीश कुमार शर्मा ने अब उस सिम विक्रेता की तलाश तेज कर दी है।

हैरत की बात ये है कि तमाम नियम-कानून बताकर सामान्य व्यक्ति को बिना आईडी के सिम नहीं देते। लेकिन, अपहरणकर्ताओं को फर्जी आईडी पर सिम मिल जाना सुरक्षा व्यवस्था के लिए बड़ी चुनौती सामने आई है। इस मामले में विवेचक सतीश कुमार शर्मा कहते हैं कि फर्जी आईडी पर अपहरणकर्ताओं को सिम उपलब्ध कराने के आरोप में संंबंधित दुकानदार भारतीय दंड संहिता की धारा 120-बी का मुजरिम बनेगा। यह धारा उसी स्थिति में लगती है जब कोई किसी साजिश में शामिल होकर अपराधी की मदद करे।

नहीं मिल पाया मोबाइल
विवेचक सतीश कुमार शर्मा ने बताया कि अपहरणकर्ताओं ने जिस मोबाइल व सिम का प्रयोग कर फिरौती मांगी थी, वह माेबाइल अभी तक उन्हें नहीं मिल पाया है। उन्होंने बताया कि मोबाइल के संबंध में उन्होंने शुक्रवार को रिमांड पर लिए गए दोनों अभियुक्तों शशांक मेहता उर्फ विक्की और अंकुश शर्मा से काफी पूछताछ की है लेकिन, वह लोग मोबाइल के विषय में कुछ सही नहीं बता रहे हैं और कैलाश ने भी कुछ नहीं बताया है। अपहरण के दिन अभियुक्तों के साथ कैलाश उस दिन अधिक नशे में था।

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