दुनिया एक दिन कन्याश्री दिवस को अंतरराष्ट्रीय बालिका दिवस के तौर पर मनाएगी: ममता बनर्जी

दुनिया एक दिन कन्याश्री दिवस को अंतरराष्ट्रीय बालिका दिवस के तौर पर मनाएगी: ममता बनर्जी

कोलकाता। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सोमवार को कहा कि राज्य सरकार की 'कन्याश्री' योजना दुनिया में एक ‘ब्रांड’ बन गई है और 'कन्याश्री दिवस' एक दिन विश्व भर में अंतरराष्ट्रीय बालिका दिवस के रूप में मनाया जाएगा। बनर्जी ने यहां 'कन्याश्री दिवस' की 10वीं वर्षगांठ मनाने के लिए आयोजित एक कार्यक्रम में कहा, 'कन्याश्री' अब एक ब्रांड है और यह दुनिया भर में 'सुनहरे अक्षरों में लिखा' गया है।

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उन्होंने कहा, ‘‘मुझे विश्वास है कि इस दिन (कन्याश्री दिवस) को भविष्य में अंतरराष्ट्रीय बालिका दिवस के रूप में मनाया जाएगा।’’ उन्होंने उस "गर्व के क्षण" को याद किया, जब उन्हें इस योजना के लिए 2017 में संयुक्त राष्ट्र लोक सेवा पुरस्कार (यूएनपीएसए) से सम्मानित किया गया था, जिसने प्रतियोगिता में भाग लेने वाले दुनिया भर के कई अन्य देशों को पीछे छोड़ दिया था।

उन्होंने याद करते हुए कहा, ‘‘जब हमने पुरस्कार जीता, तब मुझे बहुत गर्व महसूस हुआ। मैंने ‘लोगो’ तैयार किया था। कन्याश्री प्रकल्प का गीत और उसकी धुन मैंने तैयार की थी।’’ यह योजना पश्चिम बंगाल में आर्थिक रूप से पिछड़े परिवारों की 13 से 19 वर्ष की किशोरियों के लिए एक सशर्त नकद अंतरण योजना है, ताकि उनकी शादी 18 वर्ष की आयु से पहले न हो सके। इसे 2012 में ममता बनर्जी सरकार ने अपने पहले कार्यकाल में शुरू किया था।

'कन्याश्री प्रकल्प' ने अपने सुशासन के लिए राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय मंचों पर प्रशंसा भी हासिल की है। बनर्जी ने कहा कि बंगाल को आगे बढ़ते रहना चाहिए और दूसरों को अपनी प्रगति के आड़े नहीं आने देना चाहिए। देश के स्वतंत्रता संग्राम में बंगाल के योगदान, इसकी समृद्ध संस्कृति और योग्यता का उल्लेख करते हुए बनर्जी ने कहा, ‘‘यहीं से देश की आजादी के लिए पुनर्जागरण और संघर्ष शुरू हुआ था।

यदि आप अंडमान निकोबार द्वीप समूह में सेलुलर जेल जाएंगे तो आप देखेंगे कि स्वतंत्रता सेनानियों में से 90 प्रतिशत नाम बंगाल से हैं और बाकी पंजाब से हैं।’’ उन्होंने कहा, ‘‘बंगाल की संस्कृति को आगे बढ़ते रहना चाहिए। बंगाल को कोई रोक नहीं सकता या धमका नहीं सकता। हम बंगाल का विकास कर दूसरों को आश्चर्यचकित कर देंगे।’’

बनर्जी ने कहा कि बंगाल को सांप्रदायिक सद्भाव का केंद्र बनना चाहिए, जहां सभी धर्मों के लोग साथ-साथ रह सकें। बनर्जी ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर किये पोस्ट में कहा कि 'कन्याश्री प्रकल्प' ने पिछले दशक में राज्य में 81 लाख से अधिक युवतियों के जीवन को बदल दिया है जिसमें उनके धर्म या जातिगत पहचान की परवाह नहीं की गय। उन्होंने कहा, ‘‘आइए हम सब मिलकर अपनी बेटियों के लिए अधिक आशाजनक भविष्य को आकार देने के लिए अपने सामूहिक प्रयासों को जारी रखें।’’ 

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