Amsterdam: यूक्रेन के बच्चों के कटु अनुभवों को बयां करतीं डायरियों, तस्वीरों का प्रदर्शन

Amrit Vichar Network
Published By Priya
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एम्स्टर्डम। नीदरलैंड की राजधानी एम्सटर्डम में युद्धग्रस्त यूक्रेन की दुर्दशा से जुड़ी एक प्रदर्शनी का आयोजन किया गया है। लगभग तीन चौथाई सदी पूर्व इसी शहर में ऐनी फ्रैंक ने क्रूर नाजी कब्जे के दौरान अपने परिवार के साथ छिपते हुए द्वितीय विश्व युद्ध की डायरी लिखी थी। एम्सटर्डम के सिटी हॉल में बृहस्पतिवार को शुरू हुई इस प्रदर्शनी में यूक्रेन के बच्चों के युद्ध के कटु अनुभव को बयां किया गया है। 

इस प्रदर्शनी का विचार पेश करने वाली क्रिस्टिना खरनोवास्का ने उद्घाटन समारोह में कहा, ‘‘यह प्रदर्शनी युद्ध की उस पीड़ा को बयां करती है, जिसे बच्चों ने महसूस किया।’’ उन्होंने कहा, ‘‘हर व्यस्क को उस दुख और पीड़ा को दिल की गहराइयों से महसूस करना चाहिए, जिसे रूसी हमले के कारण हमारे बच्चों ने युद्ध के दौरान झेला है।’’ ‘‘वार डायरीज’’ में ऐनी फ्रैंक की तरह अन्य लेखों को प्रदर्शित किया गया है।

 फ्रैंक ने एम्सटर्डम में एक नाले से सटे घर में छिपते हुए अपने डायरी में द्वितीय विश्व युद्ध से जुड़े मंजर को बयां किया था। इसी तरह आधुनिक समय में यूक्रेन के बच्चों ने युद्ध के दौरान अपने कटु अनुभव को बताने के लिए डायरी लिखने के अलावा तस्वीरें और वीडियो रिकॉर्ड किए हैं। रूस के कब्जे में आने के बाद मारियुपोल में 21 दिन गुजारने वाले एक 15 वर्षीय लड़के मिकोला कोस्टेनको ने ऐसे चित्र पेश किये हैं, जिसमें युद्ध का दर्द झलकता है।

 कोस्टेनको ने इन चित्रों को बनाने के लिए उस समय उसके पास मौजूद एक पेन और एक नोटबुक के फटे पन्नों का इस्तेमाल किया था। इनमें से एक चित्र उस छोटे तहखाने को दिखाता है जहां लड़के ने परिवार के साथ शहर से भागने से पहले रूसी हमलों से बचने के लिए आश्रय लिया था। आयोजनकर्ता के. टेलर ने कहा कि ये डायरी और चित्र युद्ध के दौरान बच्चों की मनोदशा को दर्शाते हैं।

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