रायबरेली: चंद्रयान-3 के लाइव प्रसारण के खिलाफ शिक्षक संघ लामबंद

 शिक्षा महानिदेशक के आदेश को शिक्षकों ने बताया अव्यवहारिक 

रायबरेली: चंद्रयान-3 के लाइव प्रसारण के खिलाफ शिक्षक संघ लामबंद

रायबरेली, अमृत विचार। चंद्रयान -३ मिशन की लैंडिंग को लेकर प्रदेश के स्कूल शिक्षा  महानिदेशक ने सरकारी स्कूलों में लाइव प्रसारण कराने का आदेश जारी किया है। इसे लेकर शिक्षक संगठन खिलाफ हो गए हैं। संगठनों के पदाधिकारियों का कहना है कि बिना सोचे समझे इस तरह के आदेश शिक्षकों पर थोप दिए जाते हैं। स्कूलों में न टीवी है न प्रोजेक्टर है तो कैसे लाइव प्रसारण दिखाया जाएगा‌ वहीं जो शिक्षक और शिक्षिका दूर स्थानों पर रहते हैं उनकी सुरक्षा को लेकर कोई कदम नहीं उठाया गया। 

स्कूलों में लाइव प्रसारण शिक्षकों के लिए समस्या बन गया है। शिक्षकों को बिना संसाधन के अधिकारियों के आदेश को मानने के लिए मशक्कत के साथ माथापच्ची करनी पड़ती है। प्रदेश के स्कूल शिक्षा महानिदेशक ने बीएसए को पत्र जारी किया है कि बुधवार शाम को जब चंद्रयान -३ चांद पर लैंड करेगा तो इसरो से इसका सीधा प्रसारण डीडी नेशनल द्वारा किया जाएगा जिसके चलते सभी सरकारी स्कूलों में बच्चों को चंद्रयान की लैंडिंग को दिखाया जाए। 

बीएसए ने इस पर सभी बीडीओ को निर्देश दे दिया और फिर वह निर्देश शिक्षकों के पाले में आ गया। इस पर शिक्षक संघों ने खासी नाराजगी जाहिर की है। विशिष्ट बीटीसी शिक्षक वेलफेयर एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष संतोष तिवारी ने शिक्षा महानिदेशक के आदेश को गैर जिम्मेदाराना बताया है। कहां कि लाइव प्रसारण कराना अब फैशन हो गया है। 

स्कूलों में न टीवी है न प्रोजेक्टर है वहीं पावर बैंक अप की भी कोई सुविधा नहीं है। सबसे बड़ी दिक्कत महिला शिक्षिकाओं के सामने है जो रात में घर कैसे पहुंचेंगी। ग्रामीण क्षेत्रों से रात के समय साधन भी नहीं होते हैं। इस पर कोई विचार नहीं किया गया और आदेश जारी कर दिया गया। उत्तर प्रदेश जूनियर हाईस्कूल शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष योगेश त्यागी का कहना है कि यह आदेश अव्यवहारिक है।

शिक्षक इस तरह के आदेशों से तंग आ गए हैं। गैजेटेड अवकाश पर भी शिक्षकों को पहले से ही बुलाया जाता है और अब रात में भी इस तरह के आयोजन कराने की जिम्मेदारी देकर उनका मानसिक शोषण किया जा रहा है। किस तरह शिक्षकों का शोषण किया जाए उसे लेकर आदेश जारी किए जाते हैं। यह भी नहीं सोचा जाता कि जो महिला शिक्षक दूर रहती हैं वह रात में घर कैसे जाएंगी। उनकी सुरक्षा का भी कोई प्रबंध नहीं किया गया। बस आदेश जारी कर दिया गया। 

उत्तर प्रदेश शिक्षक महासंघ के संयोजक सुरेश कुमार त्रिपाठी का कहना है कि यह आदेश पूरी तरह से गलत है। बिना स्थिति को ध्यान में रख आदेश जारी कर दिया गया। इससे शिक्षकों में आक्रोश व्याप्त है।शिक्षक संगठनों ने इसे लेकर मुख्यमंत्री के साथ स्कूल शिक्षा महानिदेशक को भी अवगत करा दिया है।

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