बाराबंकी: सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र सुबेहा की स्वास्थ्य सेवाएं बेपटरी, टेक्नीशियन ले रहे मुफ्त की तन्ख्वाह, मरीज 16 किमी दूर जाकर कराते हैं इलाज

बाराबंकी: सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र सुबेहा की स्वास्थ्य सेवाएं बेपटरी, टेक्नीशियन ले रहे मुफ्त की तन्ख्वाह, मरीज 16 किमी दूर जाकर कराते हैं इलाज

राजेश मिश्र/सुबेहा, बाराबंकी, अमृत विचार। सरकारी अस्पतालों में योग्य चिकित्सक होने और पास के ही अस्पताल में इलाज की मुफ्त सुविधा के दावे सुबेहा सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र पर आते ही झूठे साबित हो जाते हैं। यहां की चिकित्सा व्यवस्था सरकार को निशुल्क इलाज के दावे की पोल खोलती नजर आ रही है। सुबेहा सीएचसी पर टेक्नीशियन तो हैं पर मशीन नदारद है। इस सीएचसी पर दो टेक्नीशियन गजेन्द्र सिंह व एक्सरे टेक्नीशियन अनस मशीनों के अभाव में मुफ्त का वेतन उठा रहें है।

दीगर बात यह है कि जिन सीएचसी पर मशीने हैं, वहां टेक्नीशियन नहीं। सुबेहा सीएचसी पर न तो जीवन रक्षक दवाएं हैं और न ही आपातकाल में मरीजों को आक्सीजन देने के लिए आक्सीजन सिलेंडर। यही कारण है कि गंभीर रोगों को लेकर यहां पहुचने वाले मरीज सुविधाओं के अभाव में सीएचसी हैदरगढ़ और अमेठी जिले की सीएचसी शुकुल बाजार की ओर रूख करते हैं।

यानी बयालीस ग्राम पंचायतों के 106 गांव के मरीजों को स्वास्थ्य सेवाएं देने का दावा करने वाली सुबेहा सीएचसी में स्वास्थ्य सेवाएं रूकी तरह से बेपटरी हैं। इस सीएचसी पर महिला चिकित्सक का पद सृजित होने के वावजूद महिला चिकित्सक की तैनाती नही हो सकी। दो टेक्नीशियन को छोड़ दें तो यहां अधीक्षक को लेकर महज दो चिकित्सक ही तानात हैं। फीजिशियन डा. जयशंकर पाण्डेय व अधीक्षक डा. ओमप्रकाश कुरील। 

ऐक्सरे और अल्ट्रासाउंड न होने से भटकने को मजबूर मरीज
सीएचसी सुबेहा में न तो एक्सरे मशीन है और न ही अल्ट्रासाउंड मशीन। मरीज एक लम्बी दूरी तय करके इस आस से सीएचसी पहुंचता है कि उसे एक छत के नीचे सारी सुविधाएं योग्य चिकित्सकों द्वारा निशुल्क मिल सकेगी। पर जब मरीज यहां दिखाने आता है तो उसके मन में सरकारी अस्पतालों को लेकर नकारात्मक विचार बनने लगते है। महिला चिकित्सक के न होने से प्रसव पीड़ा से परेशान महिलाएं व उनके साथ तीमारदारों को मजबूरन या तो निजी अस्पताल की ओर रूख करना पड़ता है या फिर सोलह किमी दूरी तय करके हैदरगढ सीएचसी जाने को विवश होना पड़ता है। कई मरीज तो अमेठी जिले की शुकुल बाजार सीएचसी तक इलाज कराने जाने को मजबूर हो जाते हैं।
 
बाल रोग विशेषज्ञ न पुलिस मेडिकल की सुविधा

सुबेहा सीएचसी में कोई बाल रोग विशेषज्ञ की तैनाती न होने से गर्मी में बच्चों को होने वाली बीमारी से बचाने के लिए उनके तीमारदारों को भटकना पड़ता है। यही नहीं पुलिस के उन मामलों में जिनमें मेडिकल रिपोर्ट की खास अहमियत होती है। उसके लिए भी पुलिस को हैदरगढ़ सीएचसी का सहारा लेना पड़ता है। 

केस- 1
सीएचसी सुबेहा में इलाज कराने आए रिजवान ने बताया कि पत्नी को इलाज के लिये लेकर आये थे। लेकिन यहां स्त्री एवं प्रसूति रोग विशेषज्ञ नहीं होने की वजह से या तो हैदरगढ़ जाना पड़ेगा या फिर अमेठी जिले की शुक्ल बाजार सीएचसी पर इलाज करवाना पड़ेगा। 

केस- 2
मरीज महेंद्र मौर्या ने बताया कि सीएचसी कुत्ते के काटने के बाद लगने वाला इंजेक्शन ही नहीं है। उन्होंने कहा यह पहला मामला नही है इससे पहले भी यहां इलाज के नाम पर खाना पूर्ति ही होती रही है। महेंद्र ने कहा कि इस सीएचसी पर एक बहुत बड़ी आबादी के स्वास्थ्य सेवाओं की जिम्मेदारी है। पर प्रशासनिक उदासीनता की वजह से लोगों को उचित स्वास्थ्य सेवाएं नहीं मिल पा रहीं।


42 ग्राम पंचायतों के 106 गांव के लोग राम भरोसे

सीएचसी सुबेहा पर यहां की 42 ग्राम पंचायतों के 108 गावों के मरीजों की स्वास्थ्य की जिम्मेदारी है। जिसमें मीनामईऊ, आलापुर, चकौरा, खानपुर, सिधियांवा, जमीन हुसैनाबाद, थलवारा, पलिया, सरायंगोपी, गेरावां, अहीर गांव, शुक्लपुर, इस्माइलपुर, भटगवां, टडवां और मोहउद्दीनपुर समेत कई गांव शामिल हैं। पर यहां न तो मानकों के हिसाब से चिकित्सक हैं और न ही स्वास्थ्य सेवाएं ही बेहतर कही जा सकती हैं। लोगों के मुताबिक जो चिकित्सक हैं भी वह रात में अपने आवास पर नहीं टिकते। यही कारण है कि यहा की स्वास्थ्य सेवाएं राम भरोसे चल रही हैं। 


सीएचसी पर जो मशीनें नहीं हैं, उसको लेकर जिला मुख्यालय पर अवगत करा दिया गया है। जिन डाक्टरों की तैनाती नहीं है, उसके लिये भी लिखा जा चुका है। बाकी जो मरीज सीएचसी पर इलाज के लिये आते हैं। उनका इलाज किया जा रहा है।

डा. ओम प्रकाश कुरील, सीएचसी अधीक्षक, सुबेहा।

परमीशन मिलने के बाद 11 जगहों पर नई एक्सरे मशीन लगवाई जा रही हैं। जिसके बाद जिले में कुल 19 एक्सरे मशीन हो जएंगी। जिसमें से एक टीबी अस्पताल में है। सुबेहा नई विकसित सीएचसी है। जल्द ही नहां स्टाफ और मशीनों की व्यवस्था कराए जाएगी।

डा. अवधेश कुमार यादव, सीएमओ

सीएचसी पर डाक्टरों की तैनाती और मशीनों के लिये शासन को पत्र लिखे हैं। स्वास्थ्य मंत्री बृजेश पाठक को पत्र लिखकर सीएचसी का जरुरी समान सहित अन्य डाक्टरों की भी तैनाती भी करायी जाएगी। सरकार की प्राथमिकता के मुताबिक स्वास्थ्य व्यवस्थाएं बेहतर कराई जाएंगी।

दिनेश रावत, क्षेत्रीय विधायक।

 

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