लखनऊ: बेटा गिड़गिड़ाता रहा लेकिन रिटायर जज को केजीएमयू में नहीं मिला इलाज, फिर निजी अस्पताल कराया भर्ती

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Published By Deepak Mishra
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लखनऊ,अमृत विचार। राजधानी के सरकारी अस्पतालों में आम लोगों की छोड़िये जज और जनप्रतिनिधियों को भी आसानी से इलाज मुहैया नहीं हो पा रहा। बीते दिनों डॉ. राम मनोहर लोहिया अस्पताल में जूनियर डॉक्टरों की अभद्रता के चलते भाजपा एमएलसी को बिना इलाज के ही लौटना पड़ा था। मामला विधानसभा सत्र में पहुंचा तो एक डॉक्टर को निलंबित कर दिया गया। 

वहीं,शुक्रवार रात रायबरेली के रहने वाले रिटायर जज को किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी (केजीएमयू) के ट्रॉमा सेंटर से ऑक्सीजन बेड खाली न होने की बात कह कर वापस कर दिया गया। करीब आधे घंटे तक जज का बेटा भर्ती करने के लिए डॉक्टरों के सामने गिड़गिड़ाता रहा, लेकिन उसकी मिन्नतों को अनसुना कर दिया गया। 

हताश परिजन मरीज को लेकर बलरामपुर अस्पताल ले गए। वहां भी बेड खाली न होने का हवाला देकर लौटा दिया गया। इसके बाद एक बिचौलिए के चंगुल में फंस कर परिजनों ने रिटायर्ड जज को एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया है। जहां उनकी हालत स्थिर बनी हुई है।

दरअसल रायबरेली के निरालानगर निवासी राम चन्द्र शुक्ल रिटायर जज हैं। वह वर्ष 2000 में एटा से रिटायर हुए हैं। बेटे अनिल शुक्ला का कहना है कि पिता को हॉर्निया की पुरानी परेशानी है। शुक्रवार को सुबह उन्हें सांस लेने में परेशानी हुई। स्थानीय जिला अस्पताल ले गए। वहां डॉक्टरों ने मरीज की हालत गंभीर बताई। फेफड़ों में भी संक्रमण बताया। उन्हें सांस लेने में भी दिक्कत हो रही है। डॉक्टरों ने रायबरेली एम्स ले जाने की सलाह दी।

 एम्स में डॉक्टरों ने मरीज को भर्ती नहीं किया। जिसके बाद आनन-फानन में परिजन रात 10 बजे केजीएमयू ट्रॉमा सेंटर लेकर पहुंचे। करीब आधे घंटे इंतजार के बाद पर्चा बना। तब एम्बुलेंस से उतार कर कैजुअल्टी ले गए। यहां डॉक्टरों ने ऑक्सीजन बेड की जरूरत बताई। आरोप है कि नॉन पीजी जेआर ने बेड खाली न होने की बात कहकर मरीज को लौटा दिया।

बलरामपुर में भी मिली मायूसी, निजी अस्पताल में कराना पड़ा भर्ती

जज के बेटे अनिल शुक्ल ने बताया कि उनके पिता का ऑक्सीजन लेवल गिरता जा रहा था। केजीएमयू के ट्रॉमा सेंटर में बेड न मिलने की स्थिति में उन्हें फौरन वहां से बलरामपुर अस्पताल लेकर पहुंचे यहां भी आईसीयू मे बेड खाली नहीं मिला। हालत लगातार बिगड़ती जा रही थी। इसके बाद एक बिचौलिए के माध्यम से उन्हें रात करीब 12 बजे निजी अस्पताल में भर्ती करवाया। जहां इलाज के बाद उनकी हालत स्थिर बताई जा रही है।

ऑक्सीजन की कोई कमी नहीं है। ऑक्सीजन की बात कहकर मरीज को लौटाने का आरोप बेबुनियाद है। पूरे मामले की जांच कराई जाएगी।- डॉ. संदीप तिवारी, सीएमएस, ट्रॉमा सेंटर,केजीएमयू

रात में आईसीयू में कोई बेड खाली नहीं था। उनके परिजनों ने खुद वार्ड में जाकर चेक किया था। आज एक बेड खाली हुआ है। यदि वह आना चाहें तो उन्हें भर्ती कर लिया जाएगा। -डॉ. अतुल मेहरोत्रा, सीएमएस बलरामपुर अस्पताल

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