Kanpur News: हैलट अस्पताल में होगी दिमाग में पानी भरने की जांच, इस कारण से होती है समस्या

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Published By Nitesh Mishra
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कानपुर के हैलट अस्पताल में होगी दिमाग में पानी भरने की जांच।

कानपुर के हैलट अस्पताल में दिमाग में पानी भरने की जांच होगी। एमआईआर मशीन लगने से सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल में सुविधा मिली।

कानपुर, अमृत विचार। जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज के सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल में अब दिमाग में  पानी भरने की जांच आसानी से हो सकेगी। इसके लिए सिने एमआरआई की सुविधा शुरू की गई है। यह मशीन प्रदेश में सिर्फ यहीं पर लगी है। इसका लाभ कई गंभीर बीमारियों का पता लगाकर सटीक इलाज करने में मिलेगा। 

जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज के हैलट अस्पताल में ऐसे बच्चे व बड़े इलाज के लिए आते हैं, जिनके दिमाग में भर पानी भरने की समस्या होती है। इसे हाइड्रोसिफलस बीमारी कहा जाता है। यह पानी सिर के किस अंग या कोशिका को प्रभावित कर रहा है, अभी इसका पता लगाना मुश्किल होता था। लेकिन सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल में सिने एमआरआई मशीन की एडवांस टेक्नोलॉजी से दिमाग, रीढ़ की हड्डी व दिल की आसानी से सघन जांच हो सकेगी। 

न्यूरो सर्जरी विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. मनीष सिंह ने बताया कि दिमाग में पानी का मतलब सेरेब्रोस्पाइनल फ्लूइड (सीएसएफ) है। यह मस्तिष्क और रीढ़ की हड्डी के आसपास एक स्पष्ट रंगहीन तरल पदार्थ होता है। यह फ्लूइड दिमाग में पोषक तत्व भेजने और गंदे पदार्थ हटाने का काम करता है। दिमाग और रीढ़ की हड्डी को साफ करता और चोट से बचाता है।

प्रतिदिन यह पदार्थ जरूरत के मुताबिक बनता है। उसके बाद शरीर अवशोषित भी कर लेता है। जब अवशोषित नहीं होता है, तो शरीर में जमा होने से दिमाग को सही तरह काम करने से रोकता है। सिने एमआरआई मशीन से देखा जा सकेगा कि यह फ्लूइड किस गति से किस कोशिका में बह रहा है और किस अंग को प्रभावित कर रहा है। 

इस कारण हो सकती समस्या

सिर में चोट लगना, स्ट्रोक, ब्रेन स्पाइनल कोड ट्यूमर, मेनिनजाइटिस, दिमाग या रीढ़ की हड्डी का संक्रमण। 

बढ़ जाता है सिर का आकार 

बच्चों में लक्षण : सिर का आकार बढ़ना, सिर के ऊपरी हिस्से का फूलना, सिरदर्द, आंखों की समस्या, उल्टी, सुस्ती, शरीर का विकास रुकना।  
बड़ों में लक्षण : सिरदर्द, मतली व उल्टी, नींद नहीं आना, डिमेंशिया की दिक्कत, संतुलन बनाने में कठिनाई।

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