शाहजहांपुर: बुखार ने बंडा में ली वृद्ध की जान, मेडिकल कॉलेज में भी बढ़ रहे मरीज
शाहजहांपुर, अमृत विचार। मलेरिया बुखार काफी तेजी से पांव पसारता जा रहा है। बंडा में बुखार से पीड़ित एक वृद्ध की जान चली गई। वहीं मेडिकल कॉलेज में जांच के दौरान चौबीस घंटे में मलेरिया बुखार के 10 मरीज मिले हैं। ग्रामीण क्षेत्रों का हाल बहुत बुरा है। एक-एक घर के कई-कई लोग बुखार से पीड़ित हैं। इधर, राजकीय मेडिकल कालेज में बुखार के मरीजों की संख्या दिन पर दिन बढ़ती जा रही है। ब्लड जांच के लिए मरीजों की भीड़ रहती है। मरीजों को बेड के लिए कई घंटे तक इंतजार करना पड़ता है और स्ट्रेचर इलाज होता है।
राजकीय मेडिकल कालेज में ओपीडी में रोजाना करीब 1700 पर्चे बन रहे है और ट्रामा सेंटर में करीब 120 मरीज भर्ती होते है। ओपीडी में डाक्टरों कक्ष के बाहर और पर्चा काउंटर सुबह नौ बजे से मरीजों की भीड़ लग जाती है। अधिकांश बुखार के मरीज आ रहे है। बुखार के मरीजों की ब्लड की जांच के बाद रिपोर्ट आती है। ब्लड जांच कक्ष के बाहर मरीजों की लंबी कतार लग जाती है।रोजाना मलेरिया बुखार के आधा दर्जन मरीज निकल रहे है।
डॉक्टरों के कक्ष के बाहर मरीजों की लगी भीड़ को लेकर पहले दिखाने के चक्कर में मरीजों में आपस में नोकझोंक तक हो जाती है। यही पर्चा काउंटर का है। ट्रामा सेंटर में मरीजों की बढ़ती संख्या को देखते हुए मेडिकल कालेज में बेड की कमी पड़ गयी। ट्रामा सेंटर में वार्ड में बेड के इंतजार में स्ट्रेचर मरीजों को कई घंटे इंतजार करना पड़ता है। साथ ही ट्रामा सेंटर में एक बेड पर दो-दो मरीज लेते होते है। कभी-कभी ट्रामा सेंटर में मरीज को स्ट्रेचर तक नहीं मिलता है और उसका फर्श पर लिटाकर इलाज किया जाता है। डा एमएल अग्रवाल ने बताया कि अधिकांश मरीज मलेरिया बुखार और वायरल बुखार के आ रहे है।
सात माह में मलेरिया बुखार के मरीजो की संख्या तीन सौ पहुंच गई। इधर चौबीस घंटे में 10 मरीज मलेरिया बुखार के मिले है। शहर में नगर निगम व गांव में जिला पंचायत फागिंग कराते है।-डॉ. सूर्य प्रकाश, मलेरिया अधिकारी
दवा लेने के बाद भी बिगड़ती रही हालत, थम गईं सांसे
कस्बे के मोहल्ला धर्मापुर निवासी 60 वर्षीय हीरालाल इंजन बनाने का काम कर रहे थे। आठ दिन पहले उनको बुखार आने लगा था। पहले एक दो बार बंडा के सरकारी अस्पताल से दवा लाए, लेकिन कोई फायदा नहीं होने पर कस्बे में ही एक क्लीनिक से दवा लाने लगे। लेकिन उनकी हालत में सुधार नहीं हुआ। रविवार शाम उनकी मौत हो गई।
वहीं मोहल्ले के कई लोग बुखार से जूझ रहे हैं। इसी मोहल्ले की जमालुद्दीन की पत्नी अरमान जहां को कई दिनों से बुखार आ रहा है। वहीं सरताज की पत्नी सोनी देवी चार दिन से बीमार चल रही हैं। नीरज शुक्ला ने बताया सत्यम व शिवम दोनों पुत्रों को आठ दिन से बुखार आ रहा है। लेकिन उनकी हालत में सुधार नहीं हो पा रहा है। वहीं रमाकांत शुक्ला का कहना है कि चार-पांच दिन से बुखार आ रहा है। सरकारी अस्पताल से कई बार दवा ली, लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ। दो दिन से उनका पौत्र सार्थक भी बुखार से पीड़ित है। इस मोहल्ले में कई लोग बीमारी से जूझ रहे हैं। लेकिन स्वास्थ्य विभाग इस पर ध्यान नहीं दे रहा है। हीरालाल की मौत से पुत्र छत्रपाल व पत्नी प्रेमा देवी का रो-रोकर बुरा हाल है। वहीं इस संबंध में सीएचसी प्रभारी डॉ. वीके वर्मा ने बताया मोहल्ले में कैंप लगाकर हर मरीज की जांच कराई जाएगी।
जठियापुर खुर्द में एक महिला की बुखार मौत, पचासों लोग बुखार की चपेट में स्वास्थ्य विभाग बेखबर
ग्राम पंचायत गुधनी व जठियापुर खुर्द में लगभग पचास से ज्यादा लोग बुखार से पीड़ित हैं। काफी संख्या में लोग निजी अस्पतालों और झोलाछाप से अपना इलाज करा रहे हैं। जठियापुर ग्राम पंचायत के प्रधान ने बताया कि लगभग एक सप्ताह पूर्व गांव की रामगुनी पत्नी रामसरन की बुखार के चलते मृत्यु हो चुकी है। लेकिन इसके बाबजूद भी स्वस्थ्य विभाग के अधिकारियों ने कोई सुध नहीं ली है। ग्राम प्रधान का कहना है कि स्वस्थ्य विभाग का गांव में काफी दिन पूर्व कैंप लगा था। जिसमें दवाइयों का वितरण कराया गया था। लगभग बीस दिन पूर्व गांव सदापुर के गुरदीप की बुखार से मृत्यु हो गई थी।
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