हांगकांग की अदालत ने समलैंगिक विवाह को लेकर जानिए क्या सुनाया फैसला?
हांगकांग। विदेश में समलैंगिक विवाह को मान्यता देने की मांग करने वाले हांगकांग के एक कार्यकर्ता की याचिका पर अदालत ने महत्वपूर्ण फैसला सुनाया है। इस फैसले से भविष्य में हांगकांग में रहने वाले एलजीबीटीक्यू+ समुदाय के जीवन पर दीर्घकालिक असर पड़ सकता है। साल 2019 में हुए सरकार विरोधी प्रदर्शनों के दौरान प्रमुख लोकतंत्र समर्थक कार्यकर्ता रहे जिम्मी शैम ने 10 साल पहले न्यूयॉर्क में अपने साथी से शादी की थी।
शैम ने पहले याचिका दायर कर इस मामले की न्यायिक समीक्षा की मांग की थी और कहा था कि विदेश में हुई समलैंगिक शादी को मान्यता नहीं देने वाले हांगकांग के कानून समानता के संवैधानिक अधिकार का उल्लंघन करते हैं। हालांकि निचली अदालत ने उनकी याचिका खारिज कर दी थी। साल 2019 के विरोध प्रदर्शन के दौरान चीन ने शैम पर राष्ट्रीय सुरक्षा कानून लागू कर दिया था, जिसके बाद से वह हिरासत में रहे हैं।
शहर की शीर्ष अदालत के न्यायाधीशों ने बहुमत के साथ लिखित फैसले में कहा कि सरकार समलैंगिक शादी को कानूनी मान्यता देने से संबंधित एक वैकल्पिक ढांचा स्थापित करने के अपने सकारात्मक दायित्व का उल्लंघन कर रही है। न्यायमूर्ति पैट्रिक किएन ने कहा, “उनके रिश्ते को कानूनी मान्यता नहीं मिलने से उनके निजी जीवन के प्रभावित और अपमानित होने की आशंका है।” हालांकि न्यायाधीशों ने सर्वसम्मति से समलैंगिक विवाह और विदेशी समलैंगिक संघों की मान्यता से संबंधित अन्य आधारों पर शैम की अपील खारिज कर दी।
ये भी पढ़ें:- यूक्रेन में क्लस्टर बम से मरने वालों की संख्या सीरिया से अधिक: रिपोर्ट
