प्रयागराज : पांच लाख के बेशकीमती वस्त्रों व गहनों से सजेंगे श्रीकृष्ण और राधारानी
प्रयागराज, अमृत विचार। पूरे देश में जहां जन्माष्टमी का त्योहार हर्षोल्लाह के साथ मनाया जा रहा है, वहीं प्रयागराज में जन्माष्टमी का एक विशेष महत्व है। क्योंकि भगवान श्री कृष्ण का जन्म उत्तर प्रदेश के मथुरा वृंदावन में हुआ था। जिसके लिए उत्तर प्रदेश के श्री कृष्ण मंदिरों में जन्माष्टमी का विशेष रूप से महत्व है।
प्रयागराज में बेनी माधव एवं इस्कॉन दो मंदिर है। बेनी माधव मंदिर को नगर का दरोगा कहा जाता है। प्रयागराज में कोई भी कार्य शुरू होने से पहले भगवान बेनी माधव का पूजन किया जाता है। वैष्णव संप्रदाय के सबसे बड़े मंदिर इस्कॉन मंदिर की भी प्रयागराज में है। बात अगर इस्कॉन मंदिर की की जाए तो इस बार जन्माष्टमी का पर्व यहां 7 सितंबर यानी गुरूवार को मनाया जाएगा। इस्कॉन मंदिर के मुख्य पुजारी अजय रामदास ने बताया कि उदया तिथि पर ही भगवान श्री कृष्ण का जन्म उत्सव मनाया जाता, क्योंकि 6 तारीख को रोहिणी नक्षत्र कुछ समय के लिए ही लग रहा है, इसलिए मुख्य रूप से उदया तिथि पर ही भगवान श्री कृष्ण का जन्मोत्सव बड़े धूमधाम से मनाया जाएगा। इस बार जन्मोत्सव में विशेष रूप से मथुरा में बनी भगवान के वस्त्र जिनका मूल्य लगभग 5 लाख रुपए की है। उस वस्त्र से भगवान का श्रृंगार किया जाएगा। जो भगवान श्री कृष्ण एवं राधा रानी को प्रस्तुत किया जाएगा। जन्मोत्सव दो दिन मनाया जाएगा, इसलिए दो अलग-अलग तरह के वस्त्रों को बनवाया गया है। भगवान श्री कृष्णा और राधारानी के लिए बनाएं गये विशेष प्रकार के आभूषण मुंबई से मगाए गये हैं। इसके अलावा 56 प्रकार के व्यंजनों से भगवान का भोग लगाया जाएगा। यह सभी व्यंजन भगवान के भक्तों को भी प्रसाद के रूप में वितरित किया जाएगा।
पुजारी अजय रामदास ने बताया कि प्रत्येक वर्ष की भांति इस वर्ष में भगवान का भोग 56 प्रकार के व्यंजनों से लगाया जाएगा। इसके अलावा दूर-दूर से श्रद्धालु यहां पहुंच रहे हैं। भगवान के दर्शन एवं प्रसाद के लिए रात्रि विश्राम करेंगे। तत्पश्चात पूरे दिन एवं पूरी रात भगवान के भजन कीर्तन में लीन रहकर उनकी आराधना करेंगे दूसरे दिन प्रसाद ग्रहण कर अपने घर की ओर निकल जाएंगे। उन्होंने यह भी बताया कि जरदोजी और मणि की यह कारीगरी मथुरा वृंदावन में विशेष रूप से किया जाता है। वहीं से पूरे विश्व के सभी मंदिरों को उनके सामर्थ्य के अनुसार वस्त्रों को भेजा जाता है। इस बार प्रयागराज में भगवान श्री कृष्ण एवं राधा रानी के लिए विशेष प्रकार के दो वस्त्रों को मंगवाया गया है। जो अपने आप में काफी सुंदर एवं मनमोहक है।
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