बरेली: कृषि संकाय के साथ अब अमेरिका के विश्वविद्यालय से भी एमबीए

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Published By Vishal Singh
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कार्य परिषद में कृषि संकाय समेत कई अन्य महत्वपूर्ण प्रस्ताव भी हुए पास

बरेली, अमृत विचार। रुहेलखंड विश्वविद्यालय की कार्य परिषद की बैठक में सोमवार को परिसर में कृषि संकाय की स्थापना का महत्वपूर्ण प्रस्ताव भी पास हो गया। इसके अलावा विश्वविद्यालय के छात्र अमेरिका के विश्वविद्यालय से एमबीए की पढ़ाई कर सकेंगे। कुलपति प्रो. केपी सिंह ने बताया कि नई शिक्षा नीति के तहत मेरू (मल्टीडिस्पेलनरी एजुकेशन एंड रिसर्च यूनिवर्सिटी ) के तहत मेडिकल पाठ्यक्रम संचालित करने की तैयार की गई है।

विश्वविद्यालय के एमबीए विभाग में वर्तमान में तीन पाठ्यक्रम संचालित हो रहे हैं। विश्वविद्यालय जल्द एमबीए पार्ट टाइम पाठ्यक्रम को उच्चीकृत कर एमबीए एग्जीक्यूटिव के रूप में स्थापित करेगा।। यह तीन की जगह दो वर्ष का होगा। विश्वविद्यालय ने हाल ही में अमेरिका के जॉन केरोल विश्वविद्यालय के साथ समझौते पर हस्ताक्षर किए थे, जिसके अंतर्गत एमबीए एग्जीक्यूटिव पाठ्यक्रम के अंतर्गत अध्ययन करने वाले छात्रों को अमेरिका के जॉन केरोल विश्वविद्यालय से भी अपने अध्ययन के लिए सहायता प्राप्त होगी। यह पाठ्यक्रम वर्तमान सत्र 2023-24 में ही शुरू करने की तैयारी है। 

इसके तहत विश्वविद्यालय में आधा पाठ्यक्रम करने के बाद छात्र अमेरिका जाकर पूरा पाठ्यक्रम कर सकते हैं। यहां के क्रेडिट वहां भेज दिए जाएंगे। इसमें ज्वाइंट डिग्री भी देनी की तैयारी है। बैठक में विश्वविद्यालय के कुलसचिव अजय कृष्णा यादव, वित्त अधिकारी विनोद कुमार लाल, डॉ. सुरेश कुमार, डॉ. अमित सिंह, प्रो. सुधीर कुमार वर्मा, प्रो. संतोष अरोड़ा, प्रो. एसके पांडे, प्रो. एसके गर्ग, प्रो. तूलिका सक्सेना, प्रो. जितेंद्र कुमार, डॉ. हरिकेश सिंह, डॉ. सुमन शर्मा, डॉ. असलम खान, डॉ. पीके शुक्ला, डॉ. मनोज कुमार सिंह, डॉ. एसडीए सिंह और डॉ. दीपक गंगवार उपस्थित रहे।

मेडिकल कॉलेज के लिए कृषि संकाय भी जरूरी
कार्य परिषद ने विश्वविद्यालय परिसर में कृषि संकाय की स्थापना और संचालन शुरू करने का निर्णय लिया गया। इस संकाय में कृषि से संबंधित बीएससी और एमएससी कृषि के नवीन पाठ्यक्रमों और शोध कार्य कराए जाएंगे। इसके तहत कई विभाग खोले जाएंगे। औपचारिकताएं पूर्ण करने के बाद पाठ्यक्रम शीघ्र प्रारंभ कराए जाएंगे। डोहरा रोड पर कृषि संकाय के लिए भवन लगभग बनकर तैयार हो गया है। मेडिकल कॉलेज की स्थापना के लिए विश्वविद्यालय में इस संकाय का होना भी जरूरी है।

नए शिक्षकों को दी जाएगी फैकल्टी सीड मनी
कार्य परिषद ने नए नियुक्त शिक्षकों के लिए फैकल्टी सीड मनी उपलब्ध कराने का प्रस्ताव पास किया। इसके तहत प्रोफेसर को पांच, एसोसिएट प्रोफेसर को तीन और सहायक प्रोफेसर को दो लाख रुपये दिए जाएंगे। इसके अंतर्गत शिक्षक अध्यापन और शोध कार्य से संबंधित आवश्यक फर्नीचर, उपकरण, पुस्तक, कंप्यूटर आदि प्राप्त कर सकेंगे।

आउट स्टैंडिंग टीचर अवार्ड की भी संस्तुति
कार्य परिषद ने शिक्षकों के लिए आउटस्टैंडिंग टीचर अवार्ड की संस्तुति भी की। इसके अलावा विश्वविद्यालय से सेवानिवृत या भूतपूर्व शिक्षकों को लाइफ टाइम अचीवमेंट अवार्ड भी दिया जाएगा। यह पुरस्कार शिक्षक दिवस पर उत्कृष्ट काम करने वाले शिक्षकों को दिए जाएंगे।

दिशा स्कूल में केजी से पीजी तक की पढ़ाई
विश्वविद्यालय का दिव्यांग छात्रों के दिशा स्कूल से 6 फरवरी को एमओयू हुआ था। इसके लिए कार्य परिषद ने आम सभा के गठन के लिए 11 सदस्यों की सहमति दी है। इसमें तीन सदस्य दिशा विद्यालय और आठ सदस्य विश्वविद्यालय के होंगे। इसके अलावा कुलपति, कुलसचिव के अलावा छह सदस्य विश्वविद्यालय के संकायाध्यक्ष इसके पदेन सदस्य होंगे। अभी विद्यालय में कक्षा 12 तक की पढ़ाई होती है, जिसे विश्वविद्यालय ने बढ़ाकर केजी से पीजी (परास्नातक) तक संचालित करने का निर्णय लिया।

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