योग गुरु रामदेव का धार्मिक भावनाएं आहत करने संबंधी मामला, जांच अधिकारी के समक्ष पेश होने का दिया आदेश

योग गुरु रामदेव का धार्मिक भावनाएं आहत करने संबंधी मामला, जांच अधिकारी के समक्ष पेश होने का दिया आदेश

जोधपुर। राजस्थान उच्च न्यायालय ने योग गुरु रामदेव को कथित तौर पर धार्मिक भावनाएं आहत करने के संबंध में दर्ज प्राथमिकी के सिलसिले में पूछताछ के लिए पांच अक्टूबर को बाड़मेर के चोहटन थाने में पेश होने का निर्देश दिया है। साथ ही अदालत ने उनकी गिरफ्तारी पर लगी रोक बढ़ा दी है।

ये भी पढ़ें - श्रीलंका के राष्ट्रपति ने ममता बनर्जी से पूछा- क्या वह करेंगी विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया’ का नेतृत्व  

अदालत ने रामदेव को जांच अधिकारी के बुलाए जाने पर उनके समक्ष उपस्थित होने का निर्देश दिया और सरकारी वकील को 16 अक्टूबर को अदालत में केस डायरी पेश करने का भी निर्देश दिया। अदालत ने तब तक रामदेव की गिरफ्तारी पर लगी रोक बढ़ा दी। न्यायमूर्ति कुलदीप माथुर ने सोमवार को रामदेव के खिलाफ दर्ज प्राथमिकी रद्द करने का अनुरोध करने संबंधी आपराधिक विविध याचिका पर सुनवाई करते हुए ये निर्देश दिए।

आदेश में कहा गया है, ‘‘याचिकाकर्ता को पांच अक्टूबर को पूर्वाह्न साढ़े 11 बजे पूछताछ के लिए जांच अधिकारी के समक्ष उपस्थित होने का निर्देश दिया जाता है। याचिकाकर्ता को यह निर्देश भी दिया जाता है कि जब भी जांच अधिकारी उन्हें पूछताछ के लिए बुलाएं तो वह उनके समक्ष उपस्थित हो।’’

अदालत ने पिछली सुनवाई के दौरान रामदेव की गिरफ्तारी पर रोक लगा दी थी और उन्हें 20 मई या उससे पहले पूछताछ के लिए जांच अधिकारी के सामने पेश होने का निर्देश दिया था, लेकिन वह जांच अधिकारी के सामने पेश नहीं हुए।

दो फरवरी को बाड़मेर में एक धार्मिक कार्यक्रम में मुसलमानों के खिलाफ टिप्पणी करने के आरोप में पठाई खान नामक व्यक्ति ने पांच फरवरी को योग गुरु के खिलाफ बाड़मेर के चोहटन थाने में शिकायत दर्ज कराई थी। खान ने अपनी शिकायत में आरोप लगाया था कि रामदेव ने जानबूझकर टिप्पणी की ताकि इस्लाम के खिलाफ नफरत की भावना पैदा हो। शिकायत में कहा गया है कि उन्होंने ‘‘करोड़ों मुसलमानों की भावनाओं को ठेस पहुंचाई।’

ये भी पढ़ें - कांग्रेस का हिमंत विश्व शर्मा की पत्नी की कंपनी को 10 करोड़ रुपये की सब्सिडी मिलने का आरोप, CM का इनकार