UP: पति का गम, आंखें नम और न्याय का लहराया परचम, रमेश बाबू की पत्नी और बेटा बोला- अब कलेजे को मिलेगी ठंडक

कानपुर में प्रधानाचार्य की आतंकवादी द्वारा हत्या के आतंकियों को सजा मिली।

UP: पति का गम, आंखें नम और न्याय का लहराया परचम, रमेश बाबू की पत्नी और बेटा बोला- अब कलेजे को  मिलेगी ठंडक

कानपुर में प्रधानाचार्य की आतंकवादी द्वारा हत्या के आतंकियों को फांसी की सजा मिली। रमेश बाबू की पत्नी और बेटा ने कहा कि सजा मिलने पर अब कलेजे को ठंडक मिलेगी।

कानपुर, अमृत विचार। जाजमऊ के प्योंदी गांव में रमेश बाबू शुक्ला की हत्या करने वाले आतंकियों को एनआईए कोर्ट ने मौत की सजा सुनाई है। विष्णुपुरी निवासी मृतक की पत्नी मीना देवी को जैसे ही इस निर्णय की जानकारी मिली, उनकी आंखें संतुष्टि के भाव के साथ नम हो गईं।

उन्होंने कहा, 24 अक्टूबर वर्ष 2016 का वह मनहूस दिन भुलाए नहीं भूलता है, जब आतंकियों ने पति की हत्या कर दी थी। ईश्वर पर पूरा भरोसा था कि न्याय मिलेगा। आतंकियों को मौत की सजा मिलना पति को सच्ची श्रद्धांजलि है। पति का गम कभी भुलाया नहीं जा सकता। बेटे अक्षय ने कहा कि पिता की आत्मा को शांति मिलेगी। कोर्ट का यह फैसला नजीर बनेगा। 

मूलरूप से कानपुर देहात के झींझक गाऊपुर के रहने वाले सेवानिवृत्त प्रधानाचार्य रमेश बाबू के बेटे अक्षय शुक्ला ने बताया कि पिता की हत्या के बाद से पूरा परिवार बिखर गया था। जिस समय यह घटना हुई वह पढ़ रहे थे। पिता के बताए आदर्शों और कभी हिम्मत न हारने के जज्बे को रखते हुए पढ़ाई जारी रखी। नतीजा रहा कि वर्ष 2018 में शिक्षा विभाग में नौकरी लग गई। पिछले साल दिसंबर में शादी हुई।

पत्नी भी शिक्षा विभाग में कार्यरत है। अक्षय ने बताया कि निश्चित रूप से आज का दिन हमारे परिवार के लिए सबसे बड़ा दिन है। उन्हें ईश्वर और न्यायपालिका पर पूरा भरोसा था और हर कदम पर ईश्वर ने हमारी सुनी और न्याय की जीत हुई।

ये था मामला 

स्वामी आत्मप्रकाश ब्रह्मचारी जूनियर हाईस्कूल के सेवानिवृत्त प्रधानाचार्य रमेश बाबू शुक्ला की 24 अक्टूबर 2016 को साइकिल से स्कूल से लौटने के दौरान प्योंदी गांव के पास सैफुल्लाह, आतिफ मुजफ्फर और मोहम्मद फैसल ने गोली मारकर हत्या कर दी थी। इनमें से एक आतंकी सैफुल्ला को सात मार्च 2017 को लखनऊ के ठाकुरगंज इलाके में एंटी टेरेरिस्ट स्क्वाड (एटीएस) ने मार गिराया था। आतिफ मुजफ्फर और मोहम्मद फैसल जेल में हैं। एनआइए कोर्ट के दोनों आतंकियों को मौत की सजा सुनाई है।

पत्नी की मांग पूरी हुई

इससे पहले रमेश बाबू की पत्नी मीना शुक्ला ने आतंकियों को दोषी करार देने पर कहा था कि मेरे निर्दोष पति की बिना वजह हत्या की गई थी। जब तक हत्यारों को फांसी नहीं होती, उन्हें चैन नहीं मिलेगा। मीना शुक्ला की मांग आज पूरी हो गई जब आतंकियों को मौत की सजा सुनाई गई।

बेटे को एक्सीडेंट की जानकारी दी थी

विष्णुपुरी में मास्टर साहब का परिवार रहता है। घर में पत्नी मीना शुक्ला और चार बच्चे हैं। बड़ा बेटा सौरभ शुक्ला गुरुग्राम में है। छोटा अक्षय घर में ही रहता है। बड़ी बेटी पूजा विवाहित है और और छोटी बेटी आरती पढ़ रही है। बेटे अक्षय ने बताया कि घटना के वक्त वह कॉलेज में था। उन्हें पापा के एक्सीडेंट की जानकारी दी गई थी। बाद में पता चला कि उन्हें गोली मारी गई थी।

शिक्षा के प्रति समर्पित थे

विष्णुपुरी में रहने वाले रमेश बाबू शुक्ला को लोग मास्टर साहब कहते थे। वे जाजमऊ के आत्म प्रकाश ब्रह्मचारी जूनियर हाईस्कूल के प्रिंसिपल थे। शिक्षा के प्रति इतने समर्पित थे कि रिटायरमेंट के बाद भी बच्चों पढ़ाते थे। 24 अक्टूबर 2016 दोपहर बाद वे छुट्टी के बाद घर लौट रहे थे। स्कूल से थोड़ी ही दूर सूनसान रास्ते में उन्हें दो लड़के मिले और पिस्टल से उन पर गोलियां चला दीं। कांशीराम हॉस्पिटल में डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया था।

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