बरेली: सूदनपुर तटबंध क्षतिग्रस्त, गांवों की तरफ बढ़ा पानी, दहले किसान

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Published By Vishal Singh
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रामगंगा का जलस्तर घटने के बाद भी तेजी से कटान जारी, हजारों बीघा खेत और फसल बर्बाद

बरेली, अमृत विचार। रामगंगा नदी का जलस्तर जरूर कम हो रहा है लेकिन कटान की गति पहले से और तेज हो गई है। आंवला, मीरगंज, शेरगढ़ और फरीदपुर के दर्जन भर से ज्यादा गांवों में सैकड़ों बीघा जमीन नदी में समा चुकी है और यह सिलसिला अब भी जारी है। अलीगंज के गांव सूदनपुर के पास बने तटबंध को शनिवार दोपहर रामगंगा की लहरों ने और क्षतिग्रस्त कर दिया जिसके बाद धान, बाजरा, मूंग, तिल, गन्ना की हजारों बीघा फसलें पानी में डूब गई है। फसलों के भारी नुकसान के साथ खेत कटने की आशंका से किसान दहले हुए हैं।

आंवला तहसील क्षेत्र में रामगंगा नदी की तेज लहरों से भारी कटान होने के बाद उसकी धार का रुख बदल गया है, इससे जल्द ही अलीगंज के गांव गैनी, गोकिलपुर, जितौर, गुजरहाई, भाट ऐंठपुर, चुराह नवदिया समेत दर्जन भर से ज्यादा गांवों में पानी घुसने की आशंका जताई जा रही है। अधिकारियों के मुताबिक इस इलाके में हजारों बीघा फसल जलमग्न है लेकिन अब रामगंगा नदी का जलस्तर लगातार कम हो रहा है। रविवार को रामगंगा का जलस्तर 160.05 मीटर जल स्तर रिकॉर्ड हुआ है। सूदनपुर गांव के पास करीब 85 फुट लंबाई में तटबंध क्षतिग्रस्त होने की बात कही गई है।

तीन साल से लगातार क्षतिग्रस्त हो रहा है तटबंध
बाढ़ खंड के अधिशासी अभियंता राजेंद्र कुमार ने बताया कि बदायूं सिचाई परियोजना के तहत 2015 में करीब 13 किमी लंबाई में अखा रेलवे लाइन तक सूदनपुर के पास तटबंध बनाया गया था। तीन साल से रामगंगा की लहरें इस तटबंध को गुजरहाई, गोकिलपुर, जित्तौर और अखा के पास क्षतिग्रस्त कर रही हैं। पानी और कम होने के बाद क्षतिग्रस्त तटबंध की बोल्डर से पिचिंग होने पर राहत की उम्मीद है। उन्होंने बताया कि अब तक जलप्रवाह से जिले में कोई जनहानि नहीं हुई हैं। सिर्फ फसलें बर्बाद हुई हैं।

गुजरहाई में बनी सुरक्षा दीवार भी दरकी, कई गांव खतरे में
आंवला तहसील से जुड़े गैनी, गोकिलपुर, जितौर, ऐंठपुर समेत कई गांवों की और रामगंगा का पानी न जाए, इसके लिए बारिश से पहले गुजरहाई गांव के पास सुरक्षा दीवार बनाई गई थी। इसका काफी हिस्सा रविवार शाम तक नदी में समा गया था, फिर भी इसकी अब तक मरम्मत नहीं हुई है।आसपास के ग्रामीणों का कहना है कि तटबंध पूरी तरह नष्ट होने के बाद कटान को रोकना मुश्किल हो जाएगा लेकिन अफसर इस ओर कोई ध्यान नहीं दे रहे हैं।

फरीदपुर, मीरगंज, फतेहगंज पश्चिमी और शेरगढ़ के तमाम गांव संकट में
फरीदपुर के गांव खल्लपुर, कादरगंज, रायपुरहंस, गोविंदपुर, गुजरगौटिया, कपूरपुर गांवों तक बाढ़ का पानी पहुंच गया है और हजारों बीघा फसलें पानी में डूब गई हैं। मीरगंज की ग्राम पंचायत अम्बरपुर के मजरा तीरथनगर में कई घरों में बाढ़ का पानी भर हुआ है। फतेहगंज पश्चिमी में करीब तीन सौ बीघा जमीन नदी में समा चुकी है। शेरगढ़ में रामगंगा के तटवर्ती गांव रजपुरा, मोहम्मदपुर, बरीपुरा, कस्बापुर, कमालपुर, लखीमपुर, मीरपुर, बैरमनगर, डूंगरपुर देहात, कबरा किशनपुर, नगरिया कलां और धर्मपुरा में सैकड़ों किसानों की जमीन का कटान होने के साथ बड़ी संख्या में खेतों में जलभराव से फसल खराब हो गई हैं। किसानों ने प्रशासन से राहत और बचाव मांग की है।

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