
Kanpur: सीएचसी में प्रसव के बाद जच्चा-बच्चा की मौत, रक्तस्त्राव होने पर हैलट किया रेफर… खून से सन गए थे कपड़े
कानपुर में सीएचसी में प्रसव के बाद जच्चा-बच्चा की मौत।
कानपुर के बिधनू सीएचसी में प्रसव के बाद जच्चा-बच्चा की मौत हो गई। परिजनों ने बिधनू सीएचसी के लेबर रूम स्टाफ पर लापरवाही का आरोप लगाया है।
कानपुर, अमृत विचार। बिधनू सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में प्रसूताओं की जिंदगी से किस तरह खिलवाड़ किया जाता है, इसकी हकीकत फिर एक बार देखने को मिली। लेबर रूम स्टाफ की लापरवाही से प्रसव के कुछ देर बाद ही बच्चे की मौत हो गई। जच्चा का रक्तस्राव बंद नहीं हुआ तो हैलट के लिए रेफर कर दिया गया। हैलट पहुंचने के कुछ देर बाद उसने भी दम तोड़ दिया।
बिधनू क्षेत्र के सीढ़ी गांव का रहने वाला शैलेंद्र अपनी पत्नी अनीता को प्रसव पीड़ा होने पर रविवार की शाम गांव की आशाबहू और मां राममूर्ति के साथ लेकर बिधनू सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पहुंचा। पहले तो उसे भर्ती करने में आनाकानी की गई, फिर किसी तरह उसे भर्ती कर लिया गया।
रात करीब आठ बजे अनीता को प्रसव के बाद बेटी पैदा हुई, लेकिन थोड़ी देर बाद ही उसकी मौत हो गई। नवजात बच्ची की मौत के बाद अनीता की भी हालत बिगड़ने लगी। उसे काफी ज्यादा रक्तस्राव हो रहा था। अनीता की हालत लगातार बिगड़ती देख लेबर रूम के स्टाफ ने रक्तस्राव रोकने का उपाय करने के बजाय उसे हैलट अस्पताल रेफर कर दिया।
परिवार के लोग अनीता को लेकर हैलट अस्पताल पहुंचे। जब वह वहां पहुंची तो रक्तस्राव से उसके कपड़े भीग चुके थे। भर्ती करने के बाद उसका इलाज शुरू हुआ, लेकिन कुछ देर बाद इलाज के दौरान अनीता ने भी दम तोड़ दिया। जच्चा-बच्चा दोनों को खोने के बाद परिवार वाले बिलख पड़े। सोमवार को उसके घर मातम पसरा रहा।
सास ने लापरवाही का लगाया आरोप
अनीता के परिजनों ने बिधनू सीएचसी के लेबर रूम स्टाफ पर लापरवाही का आरोप लगाया है। सास राममूर्ति ने बताया कि प्रसव होने के बाद जब अनीता को रेफर किया गया तो बहुत ज्यादा रक्तस्राव हो रहा था। किनाही काटने के बाद उस पर क्लिप नहीं लगाई गई थी, जिससे रक्तस्राव बंद नहीं हुआ। हैलट पहुंचते-पहुंचते अनीता के कपड़े खून से पूरी तरह भीग गए थे और थोड़ी देर बाद ही उसकी मौत हो गई। परिजनों दोनों के शवों का अंतिम संस्कार कर दिया है।
अंशिका को नहीं पता कि मां कहां गईं
अनीता की पहले से एक बेटी अंशिका है। मां की मौत से बेखबर अंशिका अपनी मौसी की गोद में बैठे खेल रही थी। बीच-बीच में जब वह मां के बारे में पूछती तो मौसी अस्पताल में भर्ती होने की बात कहकर समझा देती। उस मासूम को क्या पता कि अब उसकी मां कभी वापस लौटकर नहीं आएगी।
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