रुद्रपुर: यार्ड प्रकरण में बड़े खुलासे की उम्मीद, पीड़ितों के आने लगे फोन, पुलिस को तहरीर का इंतजार

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Published By Bhupesh Kanaujia
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रुद्रपुर, अमृत विचार। बीमा रहित वाहन प्रकरण को लेकर एसओजी ने अपनी तफ्तीश को तेज कर दिया है। साथ ही यार्ड प्रकरण में एक बड़े खुलासे की आस रखते हुए वाहनों का मिलान शुरू कर दिया है। बताया जा रहा है कि गुंडागर्दी के बल पर जबरन वाहन उठाने के पीड़ितों ने भी एसओजी से संपर्क साधना शुरू कर दिया है और एसओजी को अब उनकी तहरीर आने का इंतजार है।

बताते चलें कि किच्छा हाईवे स्थित एक यार्ड में तलवारबाजी और गुंडा टैक्स वसूलने का प्रकरण सामने आया था। इसमें एसओजी को यह भी इनपुट मिल रहे थे कि यार्ड संचालकों द्वारा गुंडागर्दी कर जबरन वाहन उठाए जाते हैं। जिसको लेकर जब एसओजी ने यार्ड पर मंगलवार को छापा मारा तो पाया कि यार्ड प्रांगण में हजारों की तादाद में छोटे और बड़े वाहन खड़े हुए हैं और कुछ वाहनों के दस्तावेज मिलान किए तो किश्त देने के बाद भी वाहनों को जबरन उठाने की बात सामने आयी।

मामले की जानकारी मिलने के बाद एसएसपी मंजूनाथ टीसी ने मौका मुआयना किया और यार्ड में फोर्स तैनात कर वाहनों का मिलान करने का आदेश दिया। जिसके बाद एसओजी प्रभारी विजेंद्र कुमार शाह की टीम ने यार्ड को अपनी निगरानी में ले लिया और बुधवार को विस्तारपूर्वक वाहनों के मिलान की कार्रवाई शुरू की। बताया जा रहा है कि जैसे ही यार्ड प्रकरण खबरों की सुर्खियां बना तो उन पीड़ितों ने एसओजी से संपर्क साधना शुरू कर दिया। जिनकी या तो एक या दो किश्त जमा नहीं हुई थी या फिर जमा होने के बाद भी जबरन वाहन को उठाकर उसे बेच दिया गया।

एसओजी प्रभारी विजेंद्र शाह ने बताया कि कई पीड़ित एसओजी के संपर्क में आए हैं और शिकायती पत्र देने की बात कह रहे हैं। जैसे ही शिकायती पत्र आता है वैसे ही तहरीर के आधार पर दस्तावेजों की जांच की जाएगी और मामला सही पाए जाने पर मुकदमा पंजीकृत किया जाएगा। एसओजी को उम्मीद है कि वाहन मिलान की कार्रवाई के बाद गुंडागर्दी के बल पर वाहनों की रिकवरी किए जाने का बड़ा खुलासा हो सकता है।

यार्ड में खड़ी गाड़ियों के पार्ट बदले हुए और निकाले हुए मिले

रुद्रपुर। यार्ड प्रकरण में एसओजी को गाड़ियों के पार्टस बदलने और निकालकर बेचने का भी इनपुट मिल रहा है। जिसकी पुष्टि वहां खडे़ कुछ वाहनों को देखकर हुई। जिसमें कई बाइक और कार ऐसी खड़ी हैं। जिनके टायर, इंजन तक बदल दिए गए हैं। इसके अलावा नये वाहनों में पुराने वाहनों के पार्टस देखे गए हैं। जिसको लेकर एसओजी ने संबंधित वाहन स्वामी और यार्ड संचालक से जानकारी मांगनी शुरू कर दी है।

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