अल्मोड़ा: स्वतंत्रता संग्राम सेनानी के गांववासी करेंगे लोकसभा चुनाव का बहिष्कार 

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Published By Bhupesh Kanaujia
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अल्मोड़ा, अमृत विचार। देश की आजादी के आंदोलन के दौरान 1942 के भारत छोड़ो आंदोलन में सक्रिय भूमिका निभाने वाले स्वतंत्रता संग्राम सेनानी के गांव को आजादी के सालों बाद भी सड़क से नहीं जोड़ा जा सका है। जिस कारण यहां के ग्रामीणों में आक्रोश पनप रहा है। सरकार की उपेक्षा के चलते अब इस गांव के ग्रामीणों ने लोकसभा चुनावों के बहिष्कार की चेतावनी दी है। ग्रामीणों ने इस संबंध में अपर जिलाधिकारी को ज्ञापन भी सौंपा है। 

उल्लेखनीय है कि अल्मोड़ा जिले के धौलादेवी विकास खंड में बलसूना गांव के निवासी स्वतंत्रता सेनानी कम‌लापति पांडे गांधी जी के राष्ट्रव्यापी अंग्रेजो भारत छोड़ो आंदोलन में सक्रिय रहे। कम‌लापति पांडे को उस दौरान सात साल का कठोर कारावास, 24 बेंत और दो सौ रुपये जुर्माने की सजा दी गई थी।

लेकिन विडंबना है कि ऐसे निस्वार्थ देशभक्त का पैतृक गांव आज भी मूलभूत सुविधाओं वंचित है। ग्रामीणों की लंबी मांग के बाद भी आज तक इस गांव को सड़क से नहीं जोड़ा जा सका है। ग्रामीण लंबे समय से बलसूना गांव को मात्र तीन किमी की दूरी पर देनाथल- नायल मुख्य मोटर मार्ग से अथवा गैलाकोट-चमनस्वखल के पास मुख्य मार्ग से जोड़ने की मांग कर रहे हैं।

लेकिन उनकी मांग पर आज तक कोई कार्रवाई नहीं हो सकी है। जिस कारण अब गांव से लोग पलायन करने लगे हैं और गांव की जनसंख्या लगातार कम हो रही है। उपेक्षा से नाराज गांव के लोगों ने अब शीघ्र सड़क का निर्माण ना होने पर आगामी लोकसभा चुनावों के बहिष्कार की चेतावनी दे डाली है।

इस संबंध में ग्रामीणों ने अपर जिलाधिकारी के माध्यम से डीएम को ज्ञापन भी भेजा है। ज्ञापन में बसंत पांडे, पदमा देवी, कविता देवी, चंपा देवी, मुकेश राम, गोविंद कुमार, दीवान राम, डूंगर राम, भुवन राम, गणेश पांडे राजेंद्र सिंह आदि ग्रामीणों ने हस्ताक्षर किए हैं।

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