
पीलीभीत : जिम्मेदारों ने गिनाए कागजी काम, बीडीसी सदस्यों कर दी किरकिरी..फिर कैसे बचाई साख?
पीलीभीत/बिलसंडा,अमृत विचार। ग्रामीण अंचल में संक्रामक रोगों के पांव पसारने की वजह से दर्जनभर से अधिक लोगों की हुई मौत का मुद्दा सोमवार को बीडीसी की बैठक में छाया रहा। सदस्यों ने गांवों में चौपट सफाई व्यवस्था और फॉगिंग का छिड़काव न कराए जाने पर नाराजगी जताई।
ब्लॉक प्रमुख गीता देवी की अध्यक्षता में हुई बैठक में स्वास्थ्य विभाग की ओर से चलाई जा रही योजनाओं की चिकित्सा अधिकारी द्वारा जैसे ही जानकारी दी गई, वैसे ही सदस्यों ने हंगामा शुरू कर दिया। आरोप था कि स्वास्थ्य विभाग के संरक्षण की वजह से ही क्षेत्र में झोलाछापों की भरमार है,जिंदगी से खिलवाड़ कर रहे हैं। मरीजों की जान से खिलवाड़ करने वाले अस्पतालों पर नोटिस देने के बाद कार्रवाई नहीं की गई है। सदस्यों ने इस प्रकरण की उच्च स्तरीय जांच कराने की मांग की।
एडीओ पंचायत हरिश्चंद्र भारती ने गांवों में अभियान के तहत कराई जा रही सफाई व्यवस्था की जानकारी दी। बोले जिन गांवों में सफाई कर्मियों की तैनाती नहीं है। वहां पर टीम भेजकर सफाई कराई जा रही है। इस पर सदस्य बिफर पड़े। बोले कि जब अधिकारियों ने अपने घरों और दफ्तरों में सफाई कर्मियों को अनाधिकृत रूप से तैनात कर रखा है, तो गांवों की सफाई व्यवस्था कितनी बेहतर होगी। बदतर सफाई व्यवस्था की वजह से गांवों में संक्रामक रोग फैले हैं ।
बैठक में कृषि विभाग, जल निगम, पूर्ति विभाग, एवं बाल विकास परियोजना विभाग की ओर से आए प्रतिनिधियों ने भी विभागीय योजनाओं की जानकारी दी। ब्लॉक प्रमुख प्रतिनिधि कंवर महीप सिंह चंदेल ने क्षेत्र पंचायत निधि से कराए जाने वाले कामों को गिनाया। खंड विकास अधिकारी अमित कुमार शुक्ला ने मनरेगा एवं अन्य सरकारी योजनाओं की जानकारी दी
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