केरल हाईकोर्ट ने किया बच्ची का नामकरण, माता-पिता के बीच नहीं बन पा रही थी सहमति

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Published By Moazzam Beg
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कोच्चि। केरल उच्च न्यायालय ने तीन वर्ष की एक बच्ची का नामकरण किया है, क्योंकि उसके नाम पर उसके माता-पिता के बीच कोई सहमति नहीं बन पा रही थी। बच्ची के माता-पिता अब अलग हो चुके हैं। न्यायमूर्ति बी. कुरियन थॉमस ने पिछले महीने जारी एक आदेश में कहा कि मां द्वारा सुझाए गए नाम को उचित महत्व दिया जाना चाहिए, जिसके साथ बच्ची वर्तमान समय में रह रही है। 

उन्होंने कहा कि साथ ही पिता द्वारा सुझाये गए नाम को शामिल किया जाना चाहिए। मामला अलग रह रहे पति-पत्नी से जुड़ा है जिनके बीच अपनी बेटी के नाम को लेकर विवाद था। चूंकि बच्ची को जारी जन्म प्रमाणपत्र पर कोई नाम नहीं था, इसलिए उसकी मां ने नाम दर्ज कराने का प्रयास किया। 

हालांकि, जन्म एवं मृत्यु के रजिस्ट्रार ने नाम दर्ज करने के लिए माता-पिता दोनों की उपस्थिति पर जोर दिया। जब दंपति नाम पर आम सहमति नहीं बना सके, तो मां ने उच्च न्यायालय का रुख किया। बच्ची का जन्म 12 फरवरी 2020 को हुआ था और उसके माता-पिता के बीच रिश्ते में खटास आ गई। अदालत ने पांच सितंबर के अपने आदेश में कहा कि बच्ची का कल्याण प्रमुख विषय है, न कि माता-पिता के अधिकार। 

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