शाहजहांपुर: एनआरआई सुखजीत हत्याकांड में पत्नी और उसका प्रेमी दोषी करार

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Published By Moazzam Beg
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शाहजहांपुर/बंडा, अमृत विचार। करीब सात वर्ष पहले एनआरआई सुखजीत सिंह की हत्या के मामले में एडीजे दशम पंकज कुमार श्रीवास्तव की कोर्ट ने सुखजीत सिंह की पत्नी रमनदीप कौर और उसके प्रेमी गुरुप्रीत उर्फ मिट्ठू को कोर्ट ने दोषी करार दिया है। सात अक्टूबर को सजा सुनाई जाएगी। आरोपी जमानत पर थे, सुनवाई के दौरान कोर्ट में पेश हुए थे। दोष सिद्ध होने पर दोनों आरोपियों को जेल भेज दिया गया। 

गांव बसंतापुर निवासी बलदेव सिंह के एक पुत्र सुखजीत सिंह व तीन पुत्रियां कुलविंदर, मंजीत व कोमलजीत कौर थीं। पिता की मौत होने के बाद सुखजीत उर्फ सोनू अपनी बहन कुलविंदर कौर के पास इंग्लैंड के शहर डर्बी में रहने लगा था और एक टैंकर चलाने लगा था। वर्ष 2000 में उसकी शादी डर्बी में ही रहने वाली रमनदीप कौर से हो गई थी। रमनदीप कौर को लेकर सुखजीत कुछ दिन के लिए पंजाब के जिला कपूरथला के थाना सुल्तानपुर लोधी के जौनपुर में जन्में अपने दोस्त गुरप्रीत सिंह उर्फ मिट्ठू से मिलने गया था। जहां वह करीब दो माह तक मिट्ठू के साथ रहा।

 इसी दौरान उसकी पत्नी रमनदीप कौर को मिट्ठू से प्रेम हो गया और वह उसे बतौर पत्नी रखने लगा, लेकिन उसे इस बात की जानकारी नहीं थी। दो माह बाद वह अपनी पत्नी बच्चों और अपने दोस्त के साथ अपने पैतृक गांव बसंतापुर में अपनी मां वंश कौर के पास रहने के लिए आया था। साथ में उसके दो पुत्र अर्जुन व आयरन सिंह थे। इसी बीच सुखजीत के साथ जानलेवा हमला भी हुआ था लेकिन उसने कोई रिपोर्ट नहीं लिखवाई थी क्योंकि उसे वापस डर्बी में जाना था और उसने अपनी फ्लाइट टिकट की डेट बढ़वा ली। वहीं मिट्ठू अपने दोस्त सुखजीत के घर पर रहा और वापस दुबई जाने का बहाना करके पंजाब चला गया था।

 एक सितंबर 2016 को उसकी पत्नी रमनदीप कौर ने अपने प्रेमी मिट्ठू को घर पर बुला लिया और रात में सोते समय प्रेमी के साथ मिलकर हथौड़े और चाकू से हमला करके अपने पति सुखजीत सिंह की हत्या कर दी थी। जिस पर मां वंशकौर ने अज्ञात लोगों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई थी। पुलिस ने छानबीन करने के बाद व पुत्र अर्जुन सिंह के बयानों से पत्नी पर शक करते हुए कड़ाई से पूछताछ की, तो पत्नी ने अपने दोस्त मिट्ठू के साथ हत्या करने का आरोप कबूल लिया था। जिसके बाद दोनों को जेल भेजा गया था। 

मां वंशकौर ने सुखजीत सिंह की बहन कोमलजीत कौर और हरविंदर सिंह को बसंतापुर मकान में रख लिया था, जबकि सुखजीत के पुत्र अर्जुन व आर्यन इंग्लैंड में पढ़ाई कर रहे हैं। बृहस्पतिवार को बहन कोमलजीत कौर मौजूद थीं। मां वंश कौर, बहनोई हरजिंदर सिंह शाहजहांपुर कोर्ट गए थे। बहन से पूछताछ करने पर आंखों में आंसू लिए उसने कहा कि रमनदीप कौर और मिठ्ठू को फांसी की सजा मिलनी चाहिए थी, लेकिन ऐसा नहीं हुआ है। कोर्ट में दोनों को दोषी पाया गया है, जल्द ही ऊपरवाला हम सबको न्याय दिलाएगा।

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