मुरादाबाद: डेंगू से महानगर में विवाहिता और बुखार से ठाकुरद्वारा में युवती की मौत
जिले में डेंगू संक्रमितों की संख्या 832 हो चुकी है
मुरादाबाद, अमृत विचार। जिले में डेंगू और बुखार के मरीजों की संख्या बढ़ती जा रही है। डेंगू के लक्षणों वाले कई मरीजों की मौत निजी अस्पतालों में इलाज के दौरान हो चुकी है। सोमवार की सुबह महानगर के भोला सिंह की मिलक की रहने वाली 26 वर्षीया विवाहिता ने डेंगू से दम तोड़ दिया। वहीं ठाकुरद्वारा में एक 22 वर्षीया युवती की बुखार से मौत हो गई।
महानगर के भोला सिंह की मिलक की रहने वाली 26 वर्षीया विवाहिता कई दिनों से डेंगू संक्रमित बताई जा रही थी। उसे दो-तीन दिन से उल्टियां हो रही थीं। परिवार के लोग उसका इलाज किसी झोलाछाप से करा रहे थे। सोमवार की सुबह उसने दम तोड़ दिया। बताया जा रहा है कि उसकी जेठानी भी बीमार हैं उन्हें भी उल्टियां हो रही हैं। लेकिन, विशेषज्ञ चिकित्सक से इलाज कराने के बजाय परिवार वाले झोलाछाप के भरोसे हैं।
जिले में स्वास्थ्य विभाग के आंकड़े में अब डेंगू संक्रमितों की संख्या 832 हो गई है। इसमें आधे से अधिक संक्रमित महानगर के मोहल्ले आशियाना, जामा मस्जिद, असालतपुरा, चक्कर की मिलक, भोला की मिलक, नवीन नगर, रामगंगा विहार, जिला अस्पताल परिसर, नवाबपुरा, लाजपतनगर, बुद्धि विहार, चंद्रनगर, चाऊ की बस्ती, डिप्टी गंज, गंज बाजार, बुध बाजार आदि के रहने वाले हैं।
रोगियों की संख्या बढ़ने से स्वास्थ्य विभाग के अलावा अन्य संबंधित विभाग जिनको संचारी रोग नियंत्रण में समन्वय बनाकर काम करने की जिम्मेदारी बैठक में जिलाधिकारी दे चुके हैं, की पोल खुल रही है। बुखार के मरीजों की आए दिन हो रही मौतों को रोकने की बजाय चिकित्साधिकारी केवल आंकड़े में उसे अन्य बीमारी बताकर डेंगू व बुखार से हो रही मौत को नकारने में लगे हैं।
अस्पताल की ओपीडी व वार्ड में भरे हैं मरीज
जिला अस्पताल की ओपीडी में सोमवार को भी फिजिशियन व बालरोग विशेषज्ञ के कक्ष में मरीजों की भीड़ रही। इसमें से अधिकांश बुखार से पीड़ित रहे। जिला अस्पताल के वरिष्ठ फिजिशियन डॉ. रामकिशोर, डॉ. एनके मिश्र का कहना है कि ओपीडी में आने वाले मरीजों में 35-40 प्रतिशत बुखार से ग्रसित हैं। उनके रक्त की जांच कराने का परामर्श भी दिया जा रहा है। जिससे डेंगू, मलेरिया, टायफाइड की पहचान होने से इलाज में आसानी हो। जिला अस्पताल के वार्ड में मरीजों की संख्या बढ़ने पर उनको भर्ती करने का संकट भी है। पहले के वार्ड के अलावा 32 बेड का नया डेंगू व फीवर वार्ड बना। लेकिन, वह भी मरीजों से फुल होने के बाद एमसीएच विंग में नये मरीजों को भर्ती कर इलाज किया जा रहा है।
अस्पताल की प्रमुख अधीक्षक डॉ. संगीता गुप्ता का कहना है कि मरीजों की संख्या इन दिनों अधिक है। इनडोर में बुखार और डेंगू के मरीज अधिक हैं। संख्या को देखते हुए एमसीएच विंग में भी मरीज भर्ती कर रहे हैं।
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