रामपुर: बुरे वक्त में तन्हा रह गए आजम, सियासी सफर पर लगा ग्रहण

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Published By Vikas Babu
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रामपुर जेल से स्थानांतरित करते समय आया सिर्फ बड़ा बेटा अदीब

रामपुर, अमृत विचार। वक्त की हर शय गुलाम-वक्त का हर शय पर राज फिल्म वक्त के इस गाने की यह पक्तियां आजम खां की जिंदगी पर बिल्कुल सटीक बैठती हैं। कभी आजम खां का जलवा ऐसा था कि आगे-पीछे काफिला चलता था। वह दो टूक कहते थे कि ऊपर के फैसले अल्लाह करता है और नीचे के फैसले हम करते हैं। लेकिन रविवार की तड़के पूर्व मंत्री आजम खां को रामपुर जिला कारागार के फाटक से बाहर निकाला गया तो वहां उनके बड़े के अलावा कोई नहीं था। उन्होंने गर्दन घुमाकर इधर-उधर देखा और फिर मीडियाकर्मियों का हाथ हिलाकर अभिवादन स्वीकारा।

जिला कारागार रामपुर से आजम के निकलने के बाद उनके पीछे उनके बेटे अब्दुल्ला आजम भी जेल से बाहर आए। जेल से निकलते ही उनका बड़ा बेटा अदीब आजम उनसे मिलने पहुंचा और छोटे भाई अब्दुल्ला के कान में कुछ फुसफुसाया। जेल के गेट पर आजम खां, अब्दुल्ला आजम, अदीब आजम, पुलिस और मीडियाकर्मियों के अलावा कोई अन्य व्यक्ति मौजूद नहीं था।

आजम खां ने गर्दन घुमाकर देखा लेकिन, दूर-दूर तक कोई अपना नजर नहीं आया। आजम खां के सियासी सफर को ग्रहण लगता देख कोई उन्हें सीतापुर जेल तक भी नहीं पहुंचाने पहुंचा। पूरे दिन आजम खां की गली में भी सन्नाटा पसरा रहा। सपा के शहराध्यक्ष आसिम राजा ने कहा कि दिल दुखे हुए हैं कुछ कहने की स्थिति में नहीं हैं।

आजम के छोटे बेटे अब्दुल्ला आजम के दो जन्म प्रमाण पत्र मामले में एमपी-एमएलए कोर्ट ने आजम, उनकी पत्नी डा. तजीन फातिमा और बेटे अब्दुल्ला को सात वर्ष की सजा सुनाई है। जिसके बाद आजम खां को रामपुर जिला कारागार में कैद कर दिया गया था।

रविवार की सुबह उन्हें सीतापुर जेल में शिफ्ट करने के लिए निकाला गया तो वह तन्हा खड़े थे। आजम खां को पुलिसकर्मी जिस वाहन में बैठना चाहते थे उसमें बैठने से उन्होंने इंकार कर दिया और जिद करके दूसरी गाड़ी में बैठे। अपने पास पुलिस अधिकारी को भी बैठने नहीं दिया। चलते-चलते मीडियाकर्मियों से कहा कि उनका एनकाउंटर भी हो सकता है। पुलिस अधिकारियों ने जैसे-तैसे मामले को संभाला और आजम को सीतापुर जेल के लिए रवाना किया।

आजम खां तन्हा पुलिस की गाड़ी में बैठकर बुझे हुए चेहरे से रामपुर की इमारतों, सड़कों और गेटों को देखते हुए सीतापुर जेल के लिए रवाना गए। जबकि, दूसरी गाड़ी से अब्दुल्ला को छह पुलिसकर्मियों के साथ हरदोई जेल के लिए रवाना कर दिया गया। आजम खां की पत्नी डा. तजीन फातिमा रामपुर जेल में रह गई हैं। घर पर उनका बड़ा बेटा अदीब आजम और बहू सिदरा खान हैं। अदीब आजम खां को राजनीति में कोई खास दिलचस्पी नहीं है वह खुले दिल के इंसान है जो बात होती है साफ-साफ कहना उनकी आदत है।

जमानत पर हैं अदीब आजम
आजम खां के बड़े बेटे अदीब आजम खां के खिलाफ भी कई मुकदमे दर्ज हैं और वह इस समय जमानत पर हैं। हालांकि अपनी मस्तमौला तबियत के कारण वह राजनीति में नहीं आए। इसलिए आजम खां ने अपना राजनैतिक वारिस अब्दुल्ला आजम खां को बनाया था। लेकिन, दो जन्म प्रमाणपत्रों, दो पैन कार्ड समेत कई मुकदमों की आंच अब्दुल्ला को बेचैन किए हुए है।

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