जौनपुर में मनाई गई महर्षि वाल्मीकि जयंती, सपा कार्यालय पर हुआ आयोजन

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Published By Jagat Mishra
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जौनपुर, अमृत विचार। जिले में समाजवादी पार्टी कार्यालय पर शनिवार को निवर्तमान जिलाध्यक्ष डाॅ़ अवधनाथ पाल के अध्यक्षता में महर्षि वाल्मीकि की जयंती बडे धूमधाम मनायी गयी। सर्वप्रथम उपस्थित लोगों ने उनके चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित किया। डॉ़ अवधनाथ पाल ने जयंती  के अवसर पर महर्षि वाल्मीकि के जीवन पर चर्चा करते हुए कहा कि महर्षि वाल्मीकि का नाम रत्नाकर था, उनका पालन जंगल में रहने वाली भील जाति में हुआ था जिस कारण उन्होंने भीलों की पंरपरा को अपनाया और आजीविका के लिए डाकू बन गए। एक दिन उनके जंगल से नारद मुनि निकल रहें थें उन्हें देख रत्नाकर ने उन्हें बंदी बना लिया। नारद मुनि ने उससे जो सवाल किये और उसके नकारात्मक जवाब अपने परिवार से पाने के बाद रत्नाकर को गहरा आघात लगा। 

इसके बाद उन्होंने दुराचार के मार्ग को छोड़ तप का मार्ग चुना और कई वर्षों तक ध्यान एवं तपस्या की जिसके फलस्वरूप उन्हें महर्षि वाल्मीकि का नाम एवम ज्ञान की प्राप्ति हुई। उन्होंने संस्कृत भाषा में रामायण महाग्रंथ की रचना की इस प्रकार जीवन की एक घटना ने डाकू रत्नाकर को महर्षि वाल्मीकि बना दिया। जंयती के अवसर पर राजेन्द्र टाइगर, राहुल त्रिपाठी, हीरालाल विश्कर्मा, इर्शाद मंशूरी,मेवालाल गौतम,अजमत अली,अनिल दूबे, अखिलेश यादव, रामू मौर्या,विरेन्द्र यादव,प्रवीण सरोज हरिचंद प्रभाकर,तारा त्रिपाठी, अन्नू देवंवशी,मुकेश यादव,अब्बूशाद,आदि मौजूद रहे और संचालन निवर्तमान महासचिव अंखड प्रताप यादव ने किया। 

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