कांग्रेस विधायक रविकुमार गौड़ा के CM बदलने वाले बयान से कर्नाटक में मचा हड़कंप

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Published By Om Parkash chaubey
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बेंगलुरु। कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धरमैया के ढाई साल के कार्यकाल के बाद उपमुख्यमंत्री डी. के. शिवकुमार के मुख्यमंत्री बनने को लेकर पार्टी के मांड्या विधायक रविकुमार गौड़ा (रवि गनिगा) के दावे से सत्तारूढ़ पार्टी के हलकों में खलबली मच गई है। कुछ मंत्रियों का कहना है कि मौजूदा मुख्यमंत्री सिद्धरमैया अपना कार्यकाल पूरा करेंगे, जबकि कुछ अन्य का कहना है कि यह फैसला लेना आलाकमान का काम है।

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इसके अलावा, शुक्रवार की रात को गृह मंत्री जी. परमेश्वर के आवास पर आयोजित रात्रिभोज में शिवकुमार की गैर-मौजूदगी से भी राजनीतिक हलकों में अटकलें तेज हो गई हैं। इस रात्रिभोज में मुख्यमंत्री सिद्धरमैया, समाज कल्याण मंत्री एच.सी. महादेवप्पा और पीडब्ल्यूडी मंत्री सतीश जारकीहोली ने भाग लिया था।

सिद्धरमैया के करीबी विश्वासपात्र महादेवप्पा ने एक सवाल के जवाब में संवाददाताओं से कहा, ‘‘(ऐसी अटकलों में) कोई दिमाग नहीं (लगाया गया) है...सिद्धरमैया पांच साल तक रहेंगे...मुख्यमंत्री पद खाली नहीं है, क्या वह अभी मुख्यमंत्री नहीं हैं? ...वह मुख्यमंत्री हैं।” रात्रिभोज के बारे में उन्होंने कहा, ‘‘हम रात्रिभोज के लिए गए थे, इसमें कुछ खास नहीं है...मिलने-जुलने और खाना खाने के अलावा और कुछ नहीं था।’’

यह पूछे जाने पर कि शिवकुमार बैठक का हिस्सा क्यों नहीं थे, उन्होंने कहा, ‘‘मुझे इसके बारे में नहीं पता। डॉ. (परमेश्वर) ने रात्रिभोज के लिए आमंत्रित किया था, हमने खाना खाया। बस इतना ही।’’ परमेश्वर मुख्यमंत्री बदले जाने या खुद को शीर्ष पद के लिए विचार किए जाने के संबंध में किसी भी सवाल का जवाब नहीं देना चाहते थे।

उन्होंने कहा, ‘‘मुझे नहीं पता, कोई न कोई किसी न किसी बात पर चर्चा करता रहेगा, मेरे पास इसका जवाब कैसे होगा...उनसे (सीएम) पूछिए।’’ उन्होंने अपने आवास पर रात्रिभोज के बारे में कहा कि वे सामान्य तौर पर भोज के लिए मिले थे। हालांकि, सहकारिता मंत्री के.एन. राजन्ना ने कहा कि उनकी इच्छा है कि सिद्धरमैया पांच साल के लिए वहां रहें, लेकिन आखिरकार इस पर फैसला आलाकमान को करना है।

कांग्रेस द्वारा भाजपा को सत्ता से बेदखल करने के बाद इस साल 20 मई को सिद्धरमैया ने मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी। इस साल मई में विधानसभा चुनाव नतीजों के बाद मुख्यमंत्री पद के लिए सिद्धरमैया और शिवकुमार के बीच कड़ी प्रतिस्पर्धा थी और कांग्रेस पार्टी उन्हें (शिवकुमार को) मनाने में कामयाब रही और उन्हें उपमुख्यमंत्री बनाया।

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