KGMU: कर्मचारी जितने दिन लगाएंगे अंगूठा उतने दिन का मिलेगा वेतन, एचआर के फरमान पर जानिए क्या बोलीं कुलसचिव
लखनऊ, अमृत विचार। किंग जार्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय (केजीएमयू) में आउटसोर्सिंग कर्मचारियों के लिए आये दिन फरमान जारी होता है। अक्टूबर महीने में एक बार फिर फरमान जारी हुआ है। जिसमें कहा गया है कि आउटसोर्सिंग कर्मचारियों को बायोमेट्रिक उपस्थित पर ही वेतन भुगतान किया जाये। यह फरमान केजीएमयू के फैकल्टी इंचार्ज एचआर की तरफ से जारी हुआ है।
इस बात की जानकारी राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद के महामंत्री अतुल मिश्रा ने दी है। उन्होंने बताया है कि इस निर्देश के कारण आउटसोर्सिंग कर्मचारियों को भारी आर्थिक हानि उठानी पड़ेगी। जिसमें उनका कोई भी दोष नहीं होगा। उन्होंने बताया कि इस फरमान को लेकर आउटसोर्सिंग कर्मियों में भारी रोष है। ऐसे में राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद ने केजीएमयू की कुलसचिव को पत्र लिखकर साप्ताहिक और सार्वजनिक अवकाश सहित पूरे माह का वेतन आउटसोर्सिंग कर्मियों को दिलाने का निर्देश जारी करने की अपील की गई है।

महामंत्री अतुल मिश्रा के मुताबिक बताया कि किंग जॉर्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय में श्रम विभाग का साफ निर्देश है कि संविदा पर कार्यरत कर्मियों को 26 दिनों तक कार्य करने पर पूरे माह का मानदेय प्रदान करने का नियम है साथ ही कर्मियों के लिए साप्ताहिक अवकाश अनुमन्य होंगे। इसको लेकर चिकित्सा विश्वविद्यालय के कुलपति व वित्त अधिकारी की सहमति से कुलसचिव की तरफ से पूर्व में आदेश भी जारी हो चुके हैं।
इसके बाद भी समस्त शासनादेशों व आदेशों को संज्ञान मे लिए बिना फैकल्टी इंचार्ज डा सुरेन्द्र कुमार ने पत्र जारी कर विभिन्न सेवा प्रदाता एजेंसियों को बायोमेट्रिक उपस्थिति से ही भुगतान करने के लिए निर्देशित किया है, साथ ही उनके द्वारा मौखिक रूप से कहा गया है कि साप्ताहिक व राजपत्रित अवकाशों का भी वेतन भुगतान नही किया जायेगा, जिसके कारण आउटसोर्सिंग संविदा कर्मचारियों में अत्यधिक आक्रोश व्याप्त है।
वही सितंबर माह की बायोमेट्रिक उपस्थित न होने की वजह से पैरामेडिकल सहित कई विभागों में अभी तक वेतन का भुगतान नहीं किया जा गया है। जबकि कर्मचारियों का बायोमेट्रिक उपस्थिति का रजिस्ट्रेशन ही सितंबर माह के लास्ट में हुआ था। इस तुगलकी आदेश से सैकड़ो कर्मचारी व उनके परिवार भुखमरी के कगार पर है ।
परिषद के महामंत्री अतुल मिश्रा ने मुख्यमंत्री, उपमुख्यमंत्री, प्रमुख सचिव चिकित्सा शिक्षा को पत्र लिखकर गुहार लगाई है कि इन अल्पवेतन भोगी कर्मियों के साथ न्याय करे व केजीएमयू प्रशासन को निर्देशित करे कि सरकार की नीतियों के विपरीत कार्य न करे।
क्या बोलीं कुलसचिव
''केजीएमयू की कुलसचिव रेखा एस चौहान ने इस मामले में कहा है कि नियमों के तहत कार्य होगा। सभी कर्मचारियों को नियमों के अनुसार ही वेतन देने मिलेगा''।
