बरेली: सरकारी भूमि पर रिटायर दरोगा की नजर! दिनदहाड़े पेड़ काटवा कर बेचे, जिम्मेदार बेखबर

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Published By Vikas Babu
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बरेली/सीबीगंज, अमृत विचार। जहां एक ओर प्रदेश व केंद्र सरकार धरती को हरा भरा करने के लिए आए दिन आभियान चलाकर वृक्षारोपण करा रही है तो वहीं पुलिस के एक रिटायर दरोगा ने हाईवे किनारे प्लाट के सामने ग्रीन बेल्ट की सरकारी जमीन पर खड़े शीशम व जामुन के पेड़ों को दिन दहाड़े कटवा कर उन्हें बेच डाले व मिट्टी का पटान करा कर रास्ता बना दिया। इसकी भनक ना तो वन विभाग को हुई और न ही एनएचएआई को हुई। इससे साफ जाहिर होता है कि बिना वन विभाग व एनएचएआई की सांठ के बिना इन पेड़ों को नहीं काटा जा सकता है।

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बता दें, टियूलिया व परधौली गांव के बीच में फुलवार वाले बाग के पास में बड़ा बाईपास किनारे पुलिस के एक रिटायर दरोगा लालाराम ने एक बीघा जमीन खरीदी थी। उक्त जमीन पर पहले बाउंड्री कर अवैध रूप से मिट्टी का पटान कराया जा रहा है, फिर प्लाट के सामने ग्रीन बेल्ट की सरकारी जमीन पर शीशम व जामुन के पेड़ों को अवैध रूप से काट दिए गए। 

वन विभाग द्वारा दस वर्ष पूर्व हाईवे किनारे हरा भरा रखने के लिए शीशम व जामुन के पेड़ों का वृक्षारोपण किया गया था। जब पेड़ तैयार हो गए, तब उक्त रिटायर दरोगा द्वारा बिना परमिशन के अवैध रूप से उक्त पेड़ों को कटवा दिए गए और अब हाईवे की सरकारी जमीन पर मिट्टी डालकर अवैध रूप से पटान भी किया जा रहा है।

बता दें कि उक्त जमीन भी आवास एवं विकास परिषद की सबसे बड़ी परसाखेड़ा आवासीय योजना में अधिकृत है इसके बावजूद भी उक्त जमीन पर निर्माण कराया जा रहा है। डीएफओ समीर कुमार का कहना है कि उन्हें इसकी जानकारी मिली है, वन विभाग की टीम भेज कर आवश्यक कार्रवाई की जायेगी।

आवास एवं विकास परिषद के अधिशासी अभियंता नवीन कुमार वर्मा ने बताया कि आवासीय योजना में अधिकृत की जाने वाली जमीन पर कोई भी  किया गया निर्माण अवैध होगा, उसे ध्वस्त जाएगा। एनएचएआई के रूट मैनेजर देवेंद्र सिंह का कहना है कि वह एनएचएआई की जमीन पर मिट्टी डालने और कंस्ट्रक्शन करने के मामले मे आरोपियो के विरुद्ध थाने में रिपोर्ट दर्ज कराएंगे।

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