पाकिस्तान की अंतरिम सरकार और आईएमएफ समीक्षा वार्ता में बैकअप उपायों पर सहमत 

Amrit Vichar Network
Published By Bhawna
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इस्लामाबाद। पाकिस्तान की अंतरिम सरकार और अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) इस बात पर आम सहमति पर पहुंच गए हैं कि अगर राजकोषीय और मौद्रिक लक्ष्यों से महत्वपूर्ण विचलन के कारण नकदी संकट से जूझ रहे देश को तीन अरब अमेरिकी डॉलर के मौजूदा राहत पैकेज के व्यापक लक्ष्य को खतरा होता है, तो साल के अंत तक बैकअप उपाय सक्रिय किए जाएंगे।

शुक्रवार को प्रकाशित एक मीडिया रिपोर्ट से यह बात सामने आई है। मामले से अवगत सूत्रों ने 'द डॉन' अखबार को बताया कि आईएमएफ का एक दल और पाकिस्तानी अधिकारी शुक्रवार को तकनीकी स्तर की चर्चा का समापन करेंगे। रिपोर्ट के मुताबिक, चर्चा में नवीनतम डेटा का आदान-प्रदान किया जाएगा, जो केवल सितंबर अंत के तिमाही प्रदर्शन तक सीमित नहीं रहेगा, बल्कि जिसमें सभी व्यापक आर्थिक क्षेत्रों और उनके दूरंदेशी परिणामों से जुड़े सवालों के जवाब एवं स्पष्टीकरण भी शामिल होंगे। रिपोर्ट में कहा गया है कि औपचारिक नीति-स्तरीय वार्ता जहां सोमवार से शुरू होने की उम्मीद है, वहीं दोनों पक्ष भविष्य की कार्रवाई पर सहमत हैं, जिसमें खुदरा क्षेत्र पर कराधान का दायरा बढ़ाना और किसी भी कमी के मामले में रियल एस्टेट-आधारित राजस्व संग्रह के लक्ष्य में सुधार करना शामिल है।

 रिपोर्ट के अनुसार, अगर राजकोषीय और मौद्रिक लक्ष्यों से महत्वपूर्ण विचलन ऋण पैकेज को खतरे में डालता है, तो दोनों पक्ष साल के अंत तक बैकअप उपायों को सक्रिय करने पर सहमत हुए हैं। इसमें कहा गया है कि मामूली राजस्व अंतर की सूरत में पहली जनवरी से प्रभावी अध्यादेश के माध्यम से खुदरा विक्रेताओं के लिए एक निश्चित कराधान योजना पेश की जा सकती है, जिसके बाद रियल एस्टेट के लिए भी ऐसी कवायद की जा सकती है। अगले सप्ताह नीतिगत चर्चाओं में उपायों को लेकर और अधिक स्पष्टता और विशिष्टताएं सामने आएंगी। 

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