रुद्रपुर: अर्द्धकुंभ-वीवीआईपी ड्यूटी निभाने वाले अश्च अमरजीत की हुई मौत

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Published By Bhupesh Kanaujia
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रुद्रपुर, अमृत विचार। वर्ष 2007 से लगातार अर्द्धकुंभ और वीवीआईपी ड्यूटी कर अपने दायित्वों का निर्वहन करने वाले अश्व अमरजीत का लंबी बीमारी के बाद निधन हो गया। जिसकी सूचना मिलते ही घुड़सवार पुलिस टीम में शोक की लहर दौड़ गई और पुलिस लाइन में एसएसपी ने अश्व के पार्थिव शरीर पर पुष्पचक्र चढ़ाकर सलामी दी और विभागीय सम्मान के साथ अंतिम विदाई की।

घुड़सवार पुलिस टीम के प्रभारी हीरा राम ने बताया कि अश्च अमरजीत वर्ष 2007 से ऊधमसिंह नगर घुड़सवार पुलिस टीम में शामिल हुआ था। वर्ष 2004 में दिल्ली से खरीदने के बाद वर्ष 2004 से 2005 तक अमरजीत ने पंजाब स्थित पुलिस घुड़सवार प्रशिक्षण अकादमी में प्रशिक्षण प्राप्त कर देहरादून चला गया था। बताया कि वर्ष 2007 से लगाकर अमरजीत ने हरिद्वार महाकुंभ, अर्धकुंभ और कई वीवीआईपी ड्यूटी में अपनी सक्रिय भूमिका निभा चुका था। 20 वर्ष की आयु पूर्ण करने के बाद वर्तमान में 23 साल सात माह 21 दिन की जिंदगी पूर्ण करने के बाद अश्व अमरजीत ने रविवार की सुबह अंतिम सांस ली।

पुलिस लाइन स्थित घुड़सवार पुलिस टीम में गम का माहौल बन गया। इतने सालों टीम का हिस्सा रहने के बाद टीम में शोक का माहौल है। जिसकी सूचना मिलते ही पुलिस लाइन में श्रद्धांजलि सभा का आयोजन किया। जहां एसएसपी मंजूनाथ टीसी ने अश्व अमरजीत के पार्थिव शरीर पर पुष्पचक्र चढ़ाकर सलामी दी और शोक व्यक्त कर अंतिम विदाई दी गई। इसके बाद पुलिस ने पूरे विभागीय सम्मान के साथ अश्व अमरजीत का अंतिम संस्कार किया।

नवंबर माह में हो चुकी है रानी की मौत

रुद्रप़ुर। पुलिस लाइन स्थित घुड़सवार पुलिस की टीम में अपनी सक्रिय भूमिका निभाने वाले अमरजीत पहले 11 नवंबर 2022 को अश्व रानी का निधन हो गया था। अभी टीम का दर्द कम भी नहीं हुआ था कि लंबी बीमारी के बाद अमरजीत ने टीम का साथ छोड़ दिया। बताया जा रहा है कि घुड़सवारी टीम में शामिल ज्यादा अश्वों की आयु हो चुकी है और लगातार उनका स्वास्थ्य भी गिरता जा रहा है। यही कारण है कि जहां घुड़सवारी टीम के बेड़े में कभी 13 अश्वों की सेना होती थी। वर्तमान में अब छह ही अश्व बचे हुए हैं।

पीएचक्यू को भेजी अश्वों की डिमांड

रुद्रपुर। घुड़सवार टीम के प्रभारी हीरा लाल ने बताया कि ऊधमसिह नगर, नैनीताल, हरिद्वार और देहरादून को 13 घोड़े व घोड़ी घुड़सवार टीम में शामिल करने की गाइडलाइन है, लेकिन पिछले कुछ सालों से अश्वों की खरीद नहीं होने के कारण जिले की घुड़सवार टीम में 13 में से अब छह अश्व ही शेष बचे हुए हैं। जिसको लेकर पीएचक्यू को लगातार डिमांड पत्र भेजा गया है। उम्मीद है कि जल्द ही टीम में 13 अश्वों की पूर्ति हो जाएगी, क्योंकि वर्तमान में पंजाब ट्रेनिंग सेंटर में कई अश्व प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे हैं। जिसके आने के बाद टीम पूर्ण हो जाएगी।

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