UP STF Encounter: जिस प्रेमिका का थामा हाथ… राशिद ने उसी के पिता के साथ मिलकर खड़ा किया गैंग और करने लगा लूट

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Published By Nitesh Mishra
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कानपुर में राशिद ने प्रेमिका के पिता के साथ ही भोर के लुटेरों का गैंग खड़ा कर लिया।

कानपुर में राशिद ने प्रेमिका के पिता के साथ ही भोर के लुटेरों का गैंग खड़ा कर लिया। बेगमपुरवा के जम्मे वाली पार्क में बचपन बीत गया। इसके साथ ही गलियों में देशी बमों का परीक्षण भी करना सीखा।

कानपुर, अमृत विचार। कुख्यात शूटर राशिद कालिया रहता तो चकेरी के चिश्ती नगर में था, लेकिन उसका बचपन बेगमपुरवा के जम्मे वाली पार्क में क्रिकेट खेलने से शुरू हुआ था। परिवार में मां और एक बहन थी। बेगमपुरवा की संगत और दबंगई ने उसे बम बनाना सिखा दिया। वह अक्सर बेगमपुरवा की तंग गलियों में बम का परीक्षण किया करता था।

लंबाई औसत से कुछ ज्यादा हुई तो लोग उसे राशिद ऊंट उर्फ गौड़ा उर्फ बीरू के नाम से जानने लगे। स्मैक की लत लगी तो उस समय के शातिर अपराधियों शफीक बोल्टू, सरताज चिड्ढा, पप्पू चिकना और रईस हनुमान का साथ पकड़ लिया। कुछ दिन तक इन शातिरों की शागिर्दी की फिर खुद शातिर बन गया। 
 

पुलिस सूत्रों के मुताबिक राशिद कालिया के रेलवे कॉलोनी में रहने वाली एक किशोरी से प्रेम संबंध थे। किशोरी के 11 भाई बहन थे। उसके पिता के साथ मिलकर राशिद ने ‘भोर के लुटेरों का गैंग बना लिया। चुन्नीगंज बस अड्डे और रेलवे स्टेशन से सुबह निकलने वाले कारोबारियों को निशाना बनाना शुरू कर दिया।

वेश बदलने में माहिर प्रेमिका के पिता और राशिद ने ताबड़तोड़ लूट की वारदातों को अंजाम दिया। देखते ही देखते आठ लोगों का गैंग बन गया। इसके बाद पुलिस सूत्रों के अनुसार मॉल रोड पर सिगरेट कंपनी का कैश लूटा। दो पहिया वाहन की लूट और चेन स्नेचिंग की तमाम वारदातों से दहशत फैला दी। वसूली, लूट और किसी को भी बेवजह पीटकर चेन छीन लेना राशिद के बाएं हाथ का खेल था। 

राशिद का बेगमपुरवा का अड्डा पुलिस की जानकारी में आया तो उसने मछरिया में अड्डा बना लिया। घनी आबादी की वजह से यहां पुलिस के पहुंचने से पहले ही उसे जानकारी हो जाती थी। इसी दौरान चकेरी में तमाम वारदातों को अंजाम दिया। आम तौर पर राशिद और उसका गैंग चौक सर्राफा और नयागंज की बाजार में सक्रिय रहता था, जहां से मुखबिरी पाकर वारदात अंजाम देता था। 
 
मुखबिर को मौत के घाट उतारा

उन्नाव के गंजमुरादाबाद में राशिद के गैंग के एक शातिर की ससुराल थी। बताते हैं कि अजीतगंज निवासी एक मुखबिर उसके घर पुलिस के साथ दबिश डालने पहुंच गया और दरवाजे तक उखाड़ लाया। इसका बदला लेने के लिए राशिद के गैंग ने जूही स्थित सिंचाई विभाग दफ्तर के सामने ताबड़तोड़ गोली मारकर मुखबिर की हत्या कर दी थी।

झांसी में अपहरण के बाद युवक की हत्या

शूटर राशिद कालिया का झांसी में भी अपराध की दुनिया में नाम रहा था। उसने वर्ष 2009 में 20 साल के मोहसिन का अपहरण कर हत्या कर दी थी। झांसी में उस पर 25 हजार का इनाम घोषित किया गया था। 

प्रेम विवाह करके काफी समय चमनगंज में बिताया

शूटर राशिद कालिया मूलरूप से महोबा का रहने वाला था। यहां चकेरी के चिश्ती नगर में उसका घर था। हत्या, लूट, रंगदारी समेत कई बड़ी वारदातें अंजाम देने के बाद वह बड़े अपराधियों के संपर्क में आ गया था। इसी के बाद उसे भाड़े पर हत्या के लिए सुपारी मिलने लगी। इसी बीच चमनगंज गदियाना में आने-जाने के दौरान वहां की एक युवती से प्रेम संबंध हुए तो शादी कर ली। काफी समय चमनगंज में रहा। लेकिन पिंटू सेंगर की हत्या के बाद झांसी में छिपकर रह रही था।

पुलिस को घर तक नहीं पता 

पिंटू सेंगर हत्याकांड के बाद शूटर राशिद कालिया पर पहली बार 50 हजार रुपये का इनाम घोषित किया गया। लेकिन गिरफ्तारी न होने पर एक मई 2022 को इनाम की राशि बढ़ाकर एक लाख कर दी गई थी। पुलिस के आलाधिकारियों और एसटीएफ का मानना था कि वह चकेरी थानाक्षेत्र के चिश्ती नगर में रहता है। लेकिन कमिश्नरेट की हाईटेक पुलिस को उसका सही घर नहीं पता था। एनकाउंटर की खबर के बाद पुलिस और खुफिया विभाग क्षेत्र मंर चकरघिन्नी बना घूमता रहा। 

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