Auraiya News: पूर्व पालिकाध्यक्ष के बेटे की हत्या के सात दोषियों को आजीवन कारावास की सजा, कोर्ट ने जुर्माना भी लगाया

औरैया में पूर्व पालिकाध्यक्ष के बेटे की हत्या के सात दोषियों को आजीवन कारावास की सजा।

Auraiya News: पूर्व पालिकाध्यक्ष के बेटे की हत्या के सात दोषियों को आजीवन कारावास की सजा, कोर्ट ने जुर्माना भी लगाया

औरैया में पूर्व पालिकाध्यक्ष के बेटे की हत्या के सात दोषियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई। इसके साथ ही कोर्ट ने सभी दोषियों पर लगाया 30-30 हजार रुपये अर्थदंड भी लगाया।

औरैया, अमृत विचार। जनपद न्यायाधीश ग्रीश कुमार वैश्य ने बुधवार को सदर कोतवाली क्षेत्र के करीब आठ वर्ष पुराने मामले में वरिष्ठ अधिवक्ता व पूर्व पालिका अध्यक्ष स्व.धर्मेश दुबे के बेटे जितेन्द उर्फ लल्लू दुबे की हत्या के सात दोषियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई। प्रत्येक दोषी पर 30 हजार रुपये अर्थदंड भी लगाया। 

अभियोजन की ओर से पैरवी कर रहे जिला शासकीय अधिवक्ता अभिषेक मिश्र ने बताया कि उक्त घटना नौ अक्टूबर 2015 की है। कोतवाली में  वादी ज्ञानेन्द्र दुबे पुत्र स्व.धर्मेश दुबे निवासी परिहार टोला ने रिपोर्ट दर्ज कराई। उसमें कहा गया कि उसका भाई जितेंद्र उर्फ लल्लू दुबे अपने दोस्त पारस पोरवाल व शशांक दुबे के साथ मिलकर अपनी दुकान के उद्घाटन कार्ड बांट रहा था।

तभी नौ अक्टूबर वर्ष 2015 में अभि तिवारी निवासी जैतापुर घर पर आया। मेरे भाई जितेंद्र व दोनों दोस्त उसके साथ काड बांटने गांव चले गए। रात्रि नौ बजे तक जब जितेन्द्र घर पर नहीं लौटा तो उसकी खोज में लोग गए। रास्ते में देखा गया कि सातों अभियुक्तगण

पंचम, सर्वेश कुमार पुत्रगण बाबूराम, दीना नाथ,सर्वेश उर्फ खूटी पुत्रगण रामदयाल, रमन लाल पुत्र मिट्ठूलाल, सुजीत उर्फ सुरजीत, अनीस पुत्रगण रमन लाल सड़क पर सरिया, बेल्चा व लाठियों से जितेन्द्र व पारस को मार रहे थे। लोगों के ललकारने पर मुल्जिमान दोनों को मरणासन्न कर भाग गए। घायल जितेंद्र को उपचार के लिए कानपुर ले जाया गया। जहां चिकित्सक ने उसे मृत घोषित कर दिया। पारस का इलाज चल रहा है।

शशांक को हल्की चोट आई। यह घटना नौ अक्टूबर 2015 की रात्र 9.30 बजे की है। पुलिस ने विवेचना कर आरोप पत्र न्यायालय में प्रस्तुत किया। अभियोजन पक्ष की ओर से जिला शासकीय अधिवक्ता अभिषेक मिश्र ने हत्याकांड के सभी तथ्यों को रखकर कठोर दंड देने की बहस की। वादी के अधिवक्ता हृदय नारायण पांडेय व सौरभ पाठक ने भी कठोर सजा देने का पक्ष रखा। बचाव पक्ष के अधिवक्ताओं ने आरोपितों को निर्दोष बताया।

दोनों पक्षों को सुनने के बाद जनपद न्यायाधीश ग्रीश कुमार वैश्य ने सातों दोषियों को आजीवन कारावास व प्रत्येक पर 30 हजार रुपये अर्थदंड लगाया। अर्थदंड अदा न करने पर अतिरिक्त कारावास भुगतना पड़ेगा।  अधिवक्ता शिवम शर्मा ने बताया कि न्यायालय ने अर्थदंड की जमा धनराशि में से 50 हजार रुपये मृतक जितेंद्र के विधिक वारिसान व चोटिल पारस पोरवाल को 40 हजार, चोटिल शशांक को पांच हजार रुपये बतौर प्रतिकर अदा करने का भी आदेश दिया। सभी अभियुक्तों को जिला कारागार इटावा भेजा गया।

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