हल्द्वानी: पॉलिटिकल स्टंट : नेता थे, स्कूटर पर रिपोर्टर बन गए दीपक बल्यूटिया

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Published By Bhupesh Kanaujia
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सर्वेश तिवारी, हल्द्वानी, अमृत विचार। एक ओर तो यूथ कांग्रेसी काली पट्टी बांधकर और काला गुब्बारा लेकर केंद्र व राज्य सरकार का विरोध कर रहे थे तो दूसरी ओर कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता स्कूटर पर पत्रकार की तरह मोबाइल लेकर सड़क पर उतर गए। उन्होंने जाम में फंसे लोगों से सवाल किए और उनकी व्यथा को अपने मोबाइल के कैमरे में कैद सरकार की नाकामी को दिखाने की कोशिश की। 

दीपक बल्यूटिया सबसे पहले दोपहिया सवार दंपति से मिले। बताया कि वह पत्नी को लेकर सुशीला तिवारी अस्पताल से लौट रहे थे और जाम में फंस गए। महिला ने बताया कि उनके दो-दो ऑपरेशन हो चुके हैं और वह पैदल नहीं चल सकतीं। पुलिस ने इतनी सहानुभूति दिखाई कि जाने के लिए कह दिया, लेकिन बाइक खड़ी करके पैदल। इसी बीच वहां एक अधिवक्ता पहुंचे। उन्हें काम पर जाना था। आक्रोशित अधिवक्ता ने अगर ऐसा कार्यक्रम था तो कफ्यू लगाकर लोगों को एक दिन की छुट्टी दे देनी चाहिए थी। उन्होंने यहां तक कह दिया कि वह कानून का उलंघन कर रहे हैं। इसके लिए उनका चालान किया जाए, लेकिन जाने दिया जाए। 

दीपक बल्यूटिया नैनीताल रोड पर स्मार्ट बाजार वाली गली के मुहाने पर खड़े थे। एक व्यक्ति अस्पताल जा रहा था और दीपक पुलिस से गुजारिश कर रहे थे कि बीमार को जाने दिया जाए। वहां तैनात पुलिस कर्मी वीआईपी कार्यक्रम का हवाला देते हुए उच्च अधिकारी का आदेश मांग लिया। इस पर दीपक ने कहा, आदेश क्या होता है कोई कर्फ्यू थोड़े ही लगा है। 

प्रशासन ने जनता को रैट ट्रैप कर लिया
हल्द्वानी : ऐसे ही व्यक्ति राजेश कुमार मिले। उन्होंने दीपक को बताया कि चारों ओर से उन्हें ब्लॉक कर दिया है और गोल-गोल घूम रहा हूं। न इधर जाने दे रहे हैं और न ऊधर जाने दे रहे हैं। उन्हें एसबीआई टेढ़ी पुलिया जाना था। इस पर दीपक ने भी चुटकी ली और कहा, कि आप रैट ट्रैप हो गए हैं। जैसे चूहेदानी में चूहा फंसता है।

ईजा-बैंणी के भाई-बेटे बेरोजगार हैं : दीपक 
हल्द्वानी : स्कूटर पर पत्रकारिता निकले दीपक बल्यूटिया को एक महिला पुलिस कर्मी मिल गई। हंसती हुई महिला पुलिस कर्मी ने दीपक का हाल चाल पूछा। लोगों की तकलीफ पर दीपक ने कहा, महिलाओं के लिए कार्यक्रम हो रहा है अच्छी बात है, लेकिन सरकार ईजा-बैंणियों के बेरोजगार भाई-बेटों के लिए कुछ नहीं कर रही है और वह इसी व्यवस्था पर कटाक्ष करने निकले हैं।   

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