मुरादाबाद : साइकिल से खार दुंगला लेह फतह करने में जुटा युवा पर्वतारोही
जज्बा : विपिन सैनी ने 2010 में की थी कॅरिअर की शुरुआत, अब तक कई पर्वतों पर फहरा चुके हैं देश का झंडा
पर्वतारोही विपिन सैनी।
मुरादाबाद, अमृत विचार। कौन कहता है कि आसमां में सुराख नहीं हो सकता, एक पत्थर तो तबीयत से उछालो यारों... कवि दुष्यंत कुमार की ये पंक्तियां महानगर के पर्वतारोही विपिन सैनी पर सटीक बैठती हैं, जो अगले साल खार दुंगला लेह फतह करने की तैयारी में जुटे हैं। यह यात्रा वह साइकिल से तय करेंगे। विपिन सैनी अभी तक दर्जनों पर्वतों की चोटी तक पहुंच चुके हैं।
मऊ निवासी विपिन सैनी ने बताया कि उनकी पर्वतारोहण की शुरुआत 2010 में स्काउटिंग से हुई। अंतर्राष्ट्रीय स्काउट शिविर पंचमढ़ी (मध्य प्रदेश) में 10 देशों के साथ एडवेंचर्स का हिस्सा रहे, जहां पहाड़ पर चढ़ना सिखाया जा रहा था, वहीं से ही उनके सपने को पंख लगे। इसके बाद महानगर के ही पर्वतारोही रवि कुमार (अब दिवंगत) से बात की। उन्होंने ही पर्वतारोहण के बारे में गाइड किया। इसके बाद 2011 में हमने जवाहर पर्वतारोहण एवं शीतकालीन खेल संस्थान पहलगाम, जम्मू और कश्मीर से बेसिक माउंटेनियरिंग कोर्स किया, जिसमें वह एक महीने के लिए सेना के स्कूल में रहे। उसके बाद 2016 में एक महीने का एडवांस माउंटेनियरिंग कोर्स किया।
2016 में ही लेह-लद्दाख की सबसे ऊंची चोटी स्टॉक कांगड़ी और गुलाब कांगड़ी भी फतह की। 2017 में बच्चों को माउंटेनियरिंग सिखाना शुरू कर दिया। 2018 में सेना के स्कूल जवाहर पर्वतारोहण एवं शीतकालीन खेल संस्थान पहलगाम से पर्वतारोहण में मास्टर डिग्री हासिल की। 2018 में ही इंडियन माउंटेनियरिंग फाउंडेशन का दिल्ली से प्रायोजक मिला, जिसमें उन्हें तुलौंग पीक हिमाचल प्रदेश जाने का मौका मिला।
2019 में अफ्रीका महाद्वीप की सबसे ऊंची चोटी माउंट किलिमंजारो, इसी वर्ष माउंट मचोई जम्मू कश्मीर, 2020 में हिमाचल प्रदेश की माउंट हाटू पीक, 2021 में हिमाचल प्रदेश की माउंट पतलसु पीक, 2021 में उत्तराखंड की माउंट केदारकांठ और 2022 में हिमाचल प्रदेश की माउंट फ्रेंडशिप पीक फतह की। 2023 में शुरुआत चंगला पास लेह लद्दाख की चोटी से की है। अब 2024 में खार दुंगला लेह साइक्लिंग करते हुए जाएंगे और देश का तिरंगा लहराएंगे।
बचपन के सपने को सच कर रहे विपिन
विपिन की पत्नी राखी वार्ड नंबर 15 की पार्षद हैं। उनकी एक बेटी परवी है। राखी कहतीं है कि इन्हे पहाड़ों पर चढ़ने शौक है। अब कॅरिअर बनाने में जुटे हैं। उधर, विपिन ने बताया कि अगल-अलग पर्वतों की चोटी पर देश का तिरंगा फहराने में जो गर्व की अनुभूति वह महसूस करते हैं, उसे लफ्जों में बयां नहीं कर सकते।
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