विपक्षी दल:  संसद के शीतकालीन सत्र में आगे की रणनीति पर की चर्चा 

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Published By Om Parkash chaubey
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नई दिल्ली। विपक्षी दलों के नेताओं ने संसद के शीतकालीन सत्र के दौरान सरकार द्वारा लाए जाने वाले विधेयकों तथा महंगाई, बेरोजगारी और जनहित के अन्य मुद्दों पर आगे की रणनीति को लेकर मंगलवार को चर्चा की।

कांग्रेस अध्यक्ष और राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जु्न खरगे के संसद भवन स्थित कक्ष में हुई बैठक में, खरगे के अलावा लोकसभा में पार्टी के नेता अधीर रंजन चौधरी, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जयराम रमेश, तृणमूल कांग्रेस के नेता डेरेक ओब्रायन, द्रमुक के नेता तिरुची शिवा, आम आदमी पार्टी के राघव चड्ढा और समाजवादी पार्टी के एसटी हसन तथा कुछ अन्य विपक्षी नेता शामिल हुए।

संसद सत्र की शुरुआत से एक दिन पहले रविवार को चार राज्यों के चुनाव नतीजे आए हैं जो विपक्ष के लिहाज से निराशाजनक रहे हैं। मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान में भारतीय जनता पार्टी को जीत मिली है तो तेलंगाना में कांग्रेस ने जीत हासिल की। कांग्रेस ने सोमवार को कहा था कि वह संसद के वर्तमान शीतकालीन सत्र में तीन आपराधिक कानूनों के स्थान पर लाए गए विधेयकों, निर्वाचन आयुक्त विधेयक तथा तृणमूल कांग्रेस की सांसद महुआ मोइत्रा के निष्कासन के कदम का विरोध करेगी।

पार्टी महासचिव जयराम रमेश ने यह भी कहा था कि इस सत्र में देश की आर्थिक स्थिति तथा सीमा पर हालात पर चर्चा होनी चाहिए। रक्षा मंत्री और लोकसभा में उप नेता राजनाथ सिंह की अध्यक्षता में गत शनिवार को हुई सर्वदलीय बैठक में तृणमूल कांग्रेस के नेताओं ने मोइत्रा को सदन से निष्कासित करने का कोई भी निर्णय लेने से पहले आचार समिति की रिपोर्ट पर लोकसभा में चर्चा कराने की मांग की थी।

विपक्षी नेताओं ने बैठक में, पुराने आपराधिक कानूनों के स्थान पर लाए जा रहे तीन विधेयकों के अंग्रेजी में नाम, मंहगाई, जांच एजेंसियों के ‘‘दुरुपयोग’’ और मणिपुर में हिंसा के मुद्दे पर चर्चा की मांग की थी। 

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