रुद्रपुर: मांगों का शासनदेश जारी नहीं होने पर मिनिस्ट्रियल कर्मी भड़के, प्रदर्शन

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Published By Bhupesh Kanaujia
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रुद्रपुर, अमृत विचार। 21 सूत्रीय मांगों का शासनादेश जारी नहीं होने से उत्तरांचल फेडरेशन ऑफ  मिनिस्ट्रियल सर्विसेज एसोसिएशन के पदाधिकारियों में आक्रोश व्याप्त है। इसके विरोध में पदाधिकारियों ने एआरटीओ कार्यालय के समक्ष एक दिवसीय धरना प्रदर्शन किया। पदाधिकारियों ने 14 दिसंबर को चेतना रैली निकालने का निर्णय लिया है। इसके बाद भी मांगों का शासनादेश जारी नहीं हुआ था पदाधिकारियों ने आंदोलन की चेतावनी दी है।

गुरुवार को एसोसिएशन से जुड़े विभिन्न विभागों के कर्मचारी एआरटीओ कार्यालय के समक्ष एकत्रित हुए और धरना दिया। इस दौरान सभा को संबोधित करते हुए वक्ताओं ने कहा कि पदोन्नति के लिए अर्हकारी सेवा में शिथिलीकरण की व्यवस्था की 30 जून 2022 से लागू करने, मुख्य प्रशासनिक अधिकारी के पद पर पदोन्नति की निर्धारित पात्रता अवधि 25 वर्ष के स्थान पर 22 वर्ष करने का शासनादेश शीघ्र जारी करने समेत 21 सूत्रीय मांगों को लेकर विगत दिनों शासन स्तर पर वार्ता भी हुई।

उन्होंने कहा कि इसमें कई मुद्दों पर सहमति भी बनी और इसका विधिवत कार्यवृत्त भी जारी हुआ। लेकिन आज तक इसका शासनादेश जारी नहीं हुआ है। उन्होंने कहा कि शासनादेश जारी करने को लेकर 15 नवंबर से लेकर 30 नवंबर तक पूरे जनपद में काले फीते बांधकर सांकेतिक विरोध भी जताया गया।

इसके विरोध में 14 दिसंबर को पूरे राज्य में चेतना रैली भी निकाली जाएगी। फिर भी मांगों का शासनादेश जारी नहीं हुआ तो प्रांतीय नेतृत्व आंदोलन की आगे की रणनीति तैयार करेगा। इस अवसर पर योगेश चंद्र पांडेय, विरेंद्र पांडेय, सुषमा चौधरी, बिशन गिरी, गौरव रावत, पान सिंह समेत कई मिनिस्ट्रियल कर्मी मौजूद रहे।