पिछले 11 विधानसभा चुनावों में 3.30 लाख बुजुर्गों और दिव्यांगों ने घर में मतदान की सुविधा का उठाया लाभ 

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Published By Om Parkash chaubey
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नई दिल्ली। पिछले 11 विधानसभा चुनावों में कम से कम 3.30 लाख दिव्यांगों और 80 साल या इससे अधिक उम्र के मतदाताओं ने घर पर मतदान की सुविधा का लाभ उठाया है। सूत्रों ने शनिवार को आंकड़ों का हवाला देते हुए यह जानकारी दी। दिव्यांग व्यक्ति, 80 वर्ष से अधिक आयु के मतदाता और कोविड से पीड़ित लोग घर पर मतदान की सुविधा का लाभ उठा सकते हैं।

निर्धारित गोपनीयता मानदंडों के तहत मतपत्र का उपयोग करके घरेलू मतदान विकल्प का प्रयोग किया जाता है और इस प्रक्रिया की वीडियोग्राफी की जाती है। राजनीतिक दलों के प्रतिनिधि और मतदान कर्मी पूर्व निर्धारित समय पर ऐसे मतदाताओं के आवास पर जाते हैं जो घर पर मतदान का विकल्प चुनते हैं। सूत्रों ने कहा कि पिछले 11 राज्य विधानसभा चुनावों में 80 वर्ष और इससे अधिक उम्र के 2.6 लाख से अधिक वरिष्ठ नागरिकों और 70,000 से अधिक दिव्यांगों ने घर पर मतदान की सुविधा का लाभ उठाया है।

हाल में मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, मिजोरम, राजस्थान और तेलंगाना में विधानसभा चुनाव हुआ था। इससे पहले गुजरात, हिमाचल प्रदेश, मेघालय, नगालैंड, त्रिपुरा और कर्नाटक में चुनाव हुए थे। सूत्रों ने बताया कि घरेलू मतदान चुनाव को समावेशी और सुलभ बनाने की दिशा में निर्वाचन आयोग द्वारा किए जा रहे कई प्रयासों में से एक है।

निवार्चन आयोग अपने मताधिकार का प्रयोग करने के लिए वरिष्ठ नागरिक मतदाताओं, विशेष रूप से शतायु वृद्ध मतदाताओं के प्रति आभार व्यक्त करता रहा है। मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने लोकतंत्र को मजबूत करने में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका के वास्ते आभार व्यक्त करने के लिए 2.5 लाख से अधिक शतायु मतदाताओं को व्यक्तिगत रूप से पत्र लिखा था।

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