Bharat Scout guide: निर्वाचन में धांधली, सीएम योगी के विद्यालय के प्रधानाचार्य को मताधिकार से रोका, हाईकोर्ट जायेगा मामला

Bharat Scout guide: निर्वाचन में धांधली, सीएम योगी के विद्यालय के प्रधानाचार्य को मताधिकार से रोका, हाईकोर्ट जायेगा मामला

अमृत विचार लखनऊ: भारत स्काउट गाइड प्रादेशिक निर्वाचन में धांधली के आरोप लगे हैं। पूरे मामले में अब न्यायिक जांच कमेटी गठित कर रिटायर्ड जज की अध्यक्षता में जांच की मांग गई है। साथ ही इसकी एक शिकायत मुख्यमंत्री कार्यालय में भी हुई है। अब मामले को हाईकोर्ट भी ले जाने की तैयारी है। इस संबंध में माध्यमिक शिक्षक संघ शर्मा गुट ने मोर्चा खोल दिया है। शिक्षक संघ ने सेवानिवृत्त आईएएस प्रभात को कुमार को कठघरे में खड़ा किया है, और उन पर सीधा धांधली करने का आरोप लगाया है। 

इस संबंध में शिक्षक की ओर से प्रेस वार्ता भी आयोजित की गई है। संघ के प्रादेशीय मंत्री डॉ आरपी मिश्रा ने बताया कि मामले में राज्यपाल को भी शिकायत भेजी गई है। प्रादेशीय मंत्री डॉ आरपी मिश्रा ने बताया कि अपने आपको मुख्यमंत्री योगी का करीबी बताने वाले सेवानिवृत्त आईएएस अधिकारी डॉ प्रभात कुमार की मनमानी के चलते भारत स्काउट और गाइड के प्रदेशीय निर्वाचन में धांधली हुई है। आरोप है की 

स्काउड गाइड पर कब्जा जमाये रखने के लिए नियम में ही करा दिया परिवर्तन
 

आरपी मिश्रा ने बताया कि स्काउट गाइड संस्था में कब्जा बनाए रखने के लिए पहले डा. प्रभात कुमार  ने मनमाने तरीके से नियमावली में संशोधन करवाया ताकि वह आजीवन मुख्यायुक्त बने रहे। मुख्यायुक्त के नामांकन के लिए राष्ट्रीय मुख्यालय की नियमावली में दी गई अर्हता सम्बन्धी अवधि को 05 वर्ष से घटाकर चार वर्ष कर लिया क्यो कि डा. प्रभात कुमार निर्वाचन प्रक्रिया शुरू होने तक 5 वर्ष की निर्धारित अर्हता पूरी नही करते थे। जब शिक्षा निदेशक माध्यमिक डा. महेन्द्र देव ने अर्हता पूरी होने के कारण मुख्यायुक्त का चुनाव लड़ने की घोषणा की तो डा. प्रभात कुमार ने डा. महेन्द्र देव के नामाकंन खारिज कराये जाने के लिए षडयंत्र रच दिया।

अपने पक्ष में नामांकन भराने का आरोप

माध्यमिक शिक्ष संघ ने ये भी आरोप लगाया कि डा. प्रभात कुमार ने अपने आईएएस का रौब दिखाकर अनेक जनपदों के जिलाधिकारियों के माध्यम से उन्ही जनपदों के मतदाताओं से अपने पक्ष में नामांकन भरा लिए जिनके द्वारा पहले ही डा. महेन्द्र देव के पक्ष मे नामाकंन भरे जा चुके थे। शिक्षक संघ का कहना है कि साथ ही में संघर्ष के पहले चरण में ‘‘उत्तर प्रदेश भारत स्काउट गाइड संस्था बचाओ अभियान‘‘ चलाकर राज्यपाल से भारत स्काउट गाइड को बचाने को अपील करेंगे। 

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माध्यमिक शिक्षक संघ शर्मा गुट के प्रादेशीय मंत्री डॉ आरपी मिश्रा व संघ के अन्य पदाधिकारी प्रेस कान्फ्रेंस करते हुए।- फोटो अमृत विचार


           
सीएम योगी के विद्यालय के प्रधानाचार्य को भी नहीं डालने दिया वोट

" शिक्षक संघ ने कहा डा. प्रभात कुमार ने निर्वाचन अपने पक्ष मे कराने के लिए पहले षंडयन्त्र पूर्व 75 जनपदों में से 34 जनपदों को इलेक्टोरेल सूची से अलग कर मतदान के अधिकार से वंचित करा दिया। जिनके पदाधिकारी उनकी नीतियों का विरोध करते है। आरोप है कि मुख्यमंत्री योगी के विद्यालय महाराणा प्रताप इण्टर कालेज, गोरखपुर के प्रधानाचार्य अरूण कुमार सिंह, को मताधिकार से वंचित कर दिया गया"
 
नियम के ऊपर जाकर नियुक्त किया प्रादेशिक सचिव 

माध्यमिक शिक्षक संघ के प्रवक्ता डॉ आरपी मिश्रा ने बताया कि वर्तमान मुख्यायुक्त ने निर्वाचन अधिकारी आनन्द सिंह रावत को सेवानिवृत्ति के बाद अनियमित रूप से तीन वर्षों से प्रादेशिक सचिव नियुक्त कर रखा है। जिसके कारण निर्वाचन अधिकारी पर डा0 प्रभात कुमार का विशेष दबाव है। इसीलिए डा. प्रभात कुमार के प्रत्याशी होने के बावजूद निर्वाचित अधिकारी दिनभर निर्वाचन अधिकारी को फोन पर निर्देश देते रहे जिसकी टेलीफोन काॅल डिटेल से पुष्टि की जा सकती है।

इसी 7 दिसंबर को हुआ था ये घटनाक्रम, सीसी टीवी से खुलेगा राज

बीते 7 दिसम्बर को निर्वाचन अधिकारी द्वारा बन्द कमरे में दिनभर स्कूटनी कि गई और स्कूटनी के नाम पर नामाकंन पत्रों के साथ छेड़छाड़ की गई। ये आरोप शिक्षक संघ ने लगाया है। वहीं शाम को लगभग 07 बजे एसीएम पंचम तथा महानगर क्षेत्र की एसीपी नेहा त्रिपाठी की उपस्थिति मे डा. महेन्द्र देव के नामाकंन पत्रों की जांच की गई जिसमें वाराणसी सहित कई जनपदों से प्रस्तावित नामाकंन वैध पाये गये थे। जाॅच के समय वाराणसी से प्रस्तावक डा. हरेन्द्र राय तथा डा. महेन्द्र देव के प्रतिनिधि  महेन्द्र सिंह उपस्थित थे। निर्वाचन अधिकारी ने जांच करने के बाद नामाकंन वैध पाये जाने की लिखित सूचना लिखिति रूप में दी गई। पूरा घटनाक्रम सीसी टीवी फुटेज में कैद है। संघ का आरोप है कि शाम को डा. प्रभात कुमार निर्वाचन अधिकारी के कक्ष मे बैठकर निर्वाचन अधिकारी से डा. महेन्द्र देव के नामाकंन को वैध घोषित कर लिखित रूप से देने का विरोध करने लगे। इतना ही नही जब डा. प्रभात कुमार ने बाहर मौजूद प्रधानाचार्यों एवं वरिष्ठ शिक्षधिकारियों को गुण्डा कहा तो इस दौरान शिक्षक संघ से तीखी झड़प भी हो गई।

देर रात धमकी देकर नामांकन खारिज कराने का आरोप

डा. आरपी मिश्र ने डा. प्रभात कुमार पर आरोप लगाते हुए बताया कि उन्होंने निर्वाचन अधिकारी के कमरे में बैठे रहे। बाद में जानकारी मिली की देर रात डा प्रभात कुमार ने अपने सहयोगियो के साथ निर्वाचन अधिकारी आनन्द सिंह रावत को नौकरी से निकाल देने की धमकी देकर जबरिया डा. महेन्द्र देव का नामाकंन खारिज करा लिया तथा स्वयं अपने को मुख्यायुक्त पद पर निर्विरोध निर्वाचित घोषित करा लिया। 

करोड़ों के अनुदान पर नजर

संघ ने सीधा आरोप लगाया कि डॉ प्रभात कुमार की नजर सालाना मिलने वाले करोड़ों के अनुदान पर है। इसके अलावा अन्य बजट में घालमोल किया गया है। आरपी मिश्रा ने बताया कि उनके खिलाफ गड़बड़ी की जांच न बैठ जाये इस डर से वह गलत तरहे मुख्यायुक्त बने रहना चाहते हैं। जबकि स्काउड गाइड संस्था शिक्षण संस्थानों में सक्रिय है ऐसे में इसमें शिक्षा का अधिकारी होना चाहिए। 

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