निलंबन के बावजूद सदन में मौजूद रहना, डेरेक ओब्रायन के मामले को भेजा गया विशेषाधिकार समिति को 

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Published By Om Parkash chaubey
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नई दिल्ली। तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के सदस्य डेरेक ओब्रायन के निलंबन को लेकर विपक्षी दलों के हंगामे के कारण बृहस्पतिवार को राज्यसभा की कार्यवाही बार-बार बाधित हुई और हंगामे के कारण बैठक अंतत: दिन भर के लिए स्थगित कर दी गई।

भोजनावकाश के बाद तीन बार के स्थगन के बाद शाम चार बजे जब राज्यसभा की कार्यवाही फिर शुरू हुई तो सभापति जगदीप धनखड़ ने निलंबन संबंधी पारित प्रस्ताव के अनुपालन में ओब्रायन को सदन से बाहर जाने को कहा। धनखड़ ने कहा कि निलंबन के बावजूद ओब्रायन का सदन में बने रहना गंभीर उल्लंघन है और यह जानबूझकर आदेश की अवहेलना है।

इसके बाद सदन के नेता पीयूष गोयल ने नियम 192 के तहत इस मुद्दे को राज्यसभा की विशेषाधिकार समिति के पास भेजने का प्रस्ताव पेश किया जिसे सदन ने ध्वनिमत से मंजूर कर लिया। धनखड़ ने कहा कि प्रस्ताव स्वीकार कर लिया गया है और यह मामला राज्यसभा की विशेषाधिकार समिति को भेजा जाता है जो तीन महीने की अवधि के भीतर इस विषय पर गौर कर अपनी रिपोर्ट देगी।

धनखड़ ने फिर से ओब्रायन से आग्रह किया कि वह सदन से बाहर चले जाएं लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया। इस दौरान विपक्षी सदस्यों का हंगामा जारी रहा और सभापति ने सदन की कार्यवाही दिन भर के लिए स्थगित कर दी। 

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