रामनगर: बाघ के आतंक से निजात दिलाने को लेकर गुस्साए ग्रामीणों ने फिर किया ढेला और झिरना गेट बंद
रामनगर, अमृत विचार। क्षेत्र के आसपास स्थित विभिन्न ग्रामीण क्षेत्रों में लगातार बाघ और गुलदार के आतंक को लेकर ग्रामीण काफी परेशान व हताश गुस्साए ग्रामीणों ने फिर कार्बेट के ढेला और झिरना गेट पर धरना देकर पर्यटकों की राह पूरी तरह रोक दी।
धरना स्थल पर मौजूद महिलाओ ने कहा कि जंगली जानवरों के आतंक के बाद जहां ग्रामीण घरों से बाहर नहीं निकल पा रहे हैं तो वही स्कूल जाने वाले बच्चे स्कूल तक नहीं जा पा रहे हैं।
गौरतलब है कि कुछ दिन पूर्व ग्राम कारगिल पटरानी निवासी अनीता देवी पर बाघ ने हमला बोलते वह उसे मौत के घाट उतार दिया था इसके साथ ही अंकित नाम के युवक पर भी बाघ ने हमला बोलकर उसे घायल कर दिया था। जिसका उपचार चल रहा है इसके अलावा बाघ द्वारा कई मवेशियों को अपना निवाला बनाया जा चुका है।
ग्रामीणों द्वारा 9 दिसंबर को इस बाघ को पकड़े जाने के साथ ही मृतक महिला के परिजनों को 25 लख रुपए का मुआवजा तथा घायल अंकित का विभाग द्वारा उपचार कराए जाने की मांग को लेकर कॉर्बेट नेशनल पार्क के झिरना और ढेला पर्यटन जोन को बंद किया गया था।
इस बीच ग्रामीण और अधिकारियों के बीच काफी नोक झोक में हुई थी ग्रामीणों ने मांग पूरी न होने पर 14 दिसंबर को फिर से दोनो जोनो को बंद करने की घोषणा की थी।इसके बाद ग्रामीणों ने गुरुवार को फिर से धरना प्रदर्शन करते हुए विभाग के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। मौके पर तहसीलदार कुलदीप पांडे, सीओ बलजीत सिंह भाकुनी, कोतवाल अरुण कुमार सैनी , डिप्टी डायरेक्टर दिगंत नायक ग्रामीणों को समझाने का प्रयास किया लेकिन ग्रामीण अपनी मांग पर अड़े रहे।
ग्रामीणों ने फिर चेतावनी दी कि यदि उनकी मांगों को पूरा नहीं किया गया तो एक सप्ताह बाद फिर से वह इन गेटों को बंद करेंगे। आज जो पर्यटक भ्रमण पर आए हुए थे उन्हें काफी परेशान होना पड़ा तथा पर्यटकों को अधिकारियों द्वारा दूसरे रास्ते से प्रवेश कराया गया । मामले में डिप्टी डायरेक्टर दिगंत नायक ने बताया कि बाघ को ट्रेंकुलाइज करने की अनुमति मिल चुकी है तथा शीघ्र ही इसे ट्रेंकुलाइज कर रेस्क्यू कर लिया जाएगा अन्य मांगों के लिए उन्होंने कहा कि इसके लिए उच्च अधिकारियों को अवगत कराया जाएगा।
इस दौरान जसवंती देवी ,पुष्पा चंदोला ,बसंत ,शारदा ,रेखा आर्य ,किशोरी लाल ,महेश जोशी ,संजय मेहता ,मुनीष कुमार सरस्वती जोशी ,सांसद प्रतिनिधि इंदर रावत, कौशल्या , तुलसी , अनीता गुसाई ,रमेश चंद ,महेश मठपाल,ललिता रावत ,धनवंतरी गिरी ,किसान संघर्ष समिति के संयोजक ललित उप्रेती ,तुलसी छिम्वाल,सुमित आर्य आदि सैकड़ो ग्रामीण महिला पुरुष एकत्र मौजूद रहे।
