मणिपुर: जातीय संघर्ष में मारे गए 19 व्यक्तियों को दफनाया गया मृत्यु के आठ महीने बाद 

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Published By Om Parkash chaubey
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इंफाल/चूराचांदपुर। मणिपुर में जातीय हिंसा में मारे गए कुकी जो समुदाय के 19 व्यक्तियों को मृत्यु के आठ महीने बाद राज्य के कांगपोकपी जिले में शुक्रवार को दफना दिया गया। फाईजांग गांव में कमेटी ऑन ट्राइबल यूनिटी (सीओटीयू) द्वारा आयोजित सामूहिक अंतिम संस्कार में पीड़ितों के मित्र एवं रिश्तेदार शामिल हुए।

ज्वाइंट फिलेन्थ्रापिक ऑर्गेनाइजेशंस (जेपीओ) के संयोजक लालदॉनलियान वर्ते ने कहा कि जनजातीय समुदाय के 87 अन्य सदस्यों के शव 20 दिसंबर को चूराचांदपुर जिले में दफनाए जाएंगे। आयोजकों ने कहा कि 19 पीड़ितों के शव इंफाल में करीब आठ महीने से शवगृह में थे। आखिरकार ‘‘सम्मानजनक’’ तरीके से उनका अंतिम संस्कार किया गया।

सीओटीयू द्वारा इस दिन को शोक दिवस के रूप में मनाए जाने के मद्देनजर 12 घंटे के बंद के आह्वान के बाद कुकी बहुल जिले में कई मकानों पर काले झंडे फहराए गए और बाजार एवं व्यापारिक प्रतिष्ठान बंद रहे तथा सार्वजनिक परिवहन सड़कों से नदारद थे। बृहस्पतिवार को इंफाल घाटी में जवाहरलाल नेहरू इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज और रीजनल इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज के शवगृह से 60 शवों को हवाई मार्ग से चुराचांदपुर और कांगपोकपी जिलों में लाया गया।

उन 60 में से 19 शवों को दिन के दौरान कांगपोकपी जिले में दफनाया गया जबकि 41 अन्य को चुराचांदपुर भेजा गया। जेपीओ संयोजक ने कहा, ‘‘चुराचांदपुर जिला अस्पताल में 46 शव हैं। 20 दिसंबर को उन 46 शवों को इंफाल से जिले में लाए गए 41 अन्य शवों के साथ दफनाया जाएगा।’’ उन्होंने कहा कि यह फैसला मृतकों के परिजनों की इच्छा के अनुरूप लिया गया है। 

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