हल्द्वानी: बीमार या हो तीमारदार, कम्प्यूटर बनेगा मददगार

हल्द्वानी: बीमार या हो तीमारदार, कम्प्यूटर बनेगा मददगार

लक्ष्मण मेहरा, हल्द्वानी, अमृत विचार। सोबन सिंह जीना बेस अस्पताल में आने वाले मरीजों के लिए राहत की खबर है। जल्द ही अस्पताल की पैथोलॉजी लैब से मरीजों को हाथ से लिखी नहीं, बल्कि कम्प्यूटराइज्ड जांच रिपोर्ट मिलेगी। इसके लिए लैब को सर्वर से जोड़ा जा रहा है। उम्मीद है कि दिसंबर के आखिर तक काम पूरा हो जाएगा।

शहर के प्रमुख बेस अस्पताल की ओपीडी में रोजाना 800 से 1000 मरीज इलाज के लिए आते हैं। इनमें ज्यादातर गंभीर मरीजों को चिकित्सक अलग-अलग प्रकार की जांचों की सलाह देते हैं। जांच के लिए मरीज को पहले ओपीडी में बने बिलिंग काउंटर पर शुल्क जमा कराना पड़ता है।

उसके बाद पैथोलॉजी लैब में पहुंचकर खून का सैंपल देना होता है। जांच पूरी होने पर मरीज को लैब से हाथ से लिखी जांच रिपोर्ट दी जाती है। आधुनिक मशीनों से लैस लैब में एक रिपोर्ट को तैयार करने में लगभग 5 से 10 मिनट का समय लगता है। इस कारण कई बार मरीजों और तीमारदारों को परेशानी उठानी पड़ती है।

इसके लिए अस्पताल प्रशासन ने एक सॉफ्टवेयर तैयार कराया है जिससे लैब को सर्वर से जोड़ा जाएगा। इन दिनों लैब में वारयिंग का काम तेजी से चल रहा है। काम पूरा होने के बाद लैब से मरीजों को कम्प्यूटराइज्ड जांच रिपोर्ट मिलनी शुरू हो जाएगी।

सर्वर से जुड़ने पर ये होंगे लाभ
ओपीडी से बिलिंग कराने पर मरीज की जानकारी ऑनलाइन सॉफ्टवेयर पर दर्ज होगी। काउंटर से मरीज को पर्चा दिया जाएगा, जिसमें एक क्यूआर कोड दर्ज होगा। इसके बाद मरीज को जांच के लिए संबंधित विभाग में जाना होगा, जहां कर्मचारी क्यूआर स्कैन कर मरीज की डिटेल कम्प्यूटर पर देख सकेंगे। जांच के बाद मरीज को कम्प्यूटर से तैयार रिपोर्ट दी जाएगी। इस पूरी प्रक्रिया में समय की काफी बचत होगी और कार्य में आसानी होगी।

योजना सफल तो अन्य विभाग भी जुड़ेंगे
बेस अस्पताल में पहले चरण में पैथोलॉजी लैब को सर्वर से जोड़ने की योजना है। यह योजना सफल रही तो भविष्य में एक्स-रे विभाग, अल्ट्रासाउंड विभाग, सीटी स्कैन विभाग के साथ-साथ सभी वार्ड सर्वर से जोड़े जाएंगे जिससे अस्पताल में आने वाले मरीजों को काफी राहत मिलेगी।


पहले चरण में पैथोलॉजी लैब को सर्वर से जोड़ने की योजना है। इसके लिए सॉफ्टवेयर तैयार हो गया है। जल्द ही लैब से मरीजों को प्रिंटेड रिपोर्ट मिलनी शुरू हो जाएगी। इस कार्य में करीब 5 लाख रुपये व्यय होंगे। योजना सफल रही तो अन्य विभागों को भी सर्वर से जोड़ा जाएगा।
- डॉ. सविता ह्यांकी, पीएमएस बेस अस्पताल हल्द्वानी