सच कहने को बस अखबार की जरुरत है : धर्मराज उपध्याय

Amrit Vichar Network
Published By Jagat Mishra
On

देवा/ बाराबंकी, अमृत विचार। विकासखंड देवा के ग्राम पीड़ में पंडित गयादीन महाराज धनुष यज्ञ मेले में कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया । जिसमें नामचीन कवियों ने अपनी अपनी रचनाएं सुनाकर खूब तालियां बटोरी कवि सम्मेलन की शुरुआत डा. विवेक सिंह वर्मा व मनीष परिहार ने संयुक्त रूप से मां सरस्वती के चित्र पर दीप जलाकर किया और संचालन कवि शायर धर्मराज उपाध्याय ने किया l

कवि सम्मलेन के शुरुआत में श्रावस्ती जनपद से आये कवि धर्मराज शायर ने पत्रकारों के सम्मान में पढ़ा कि ' मुझे न तीर न तलवार की जरुरत है, सच को कहने को बस अख़बार की जरुरत है है तख्तो ताज़ की ख्वाहिश मुझको, कलम में सिर्फ मुझे धार की जरुरत है ' प्रमोद पंकज बाराबंकी ने सुनाया कि 'बिना मंडप के लोकाचार हो जाये तो क्या कहने, पब्जी खेलकर सीमा अगर आये तो क्या कहने 'शिवेश राज रामनगर बाराबंकी ने पढ़ा कि ' रहमों करम से नहीं मिला शोणित करके पाया है, दुनिया देखे राम का मंदिर वही बनाया है ' किरण भारद्वाज बाराबंकी ने सुनाया कि ' राम से भी बड़ा है राम जी का नाम भजले राम राम राम ' तो समूचा पंडाल तालियों की गदगड़ाहट से गूंज उठा इसी क्रम में लता श्रीवास्तव बाराबंकी ने कहा कि ' स्वयंवर रचा है जानकी का ये निर्णय पूरी जिंदगी का ' बाराबंकी से आये कवि साहब शरण वर्मा सुनाया कि 'दर्द कैसा भी हो मुस्कुराया करो प्यार गैरों पर अपना लुटाया करो ' इसके बाद चंद्रकांत शुक्ल बाराबंकी ने पढ़ा कि ' खिलौनो की शहादत पर यहां हथियार बनते है मिले अपमान व पीड़ा वहीं पर जाकर चलते हैं ' आगरा जनपद से आये कवि पंकज त्यागी कहा कि ' बहको मत बेटियों प्यार अपना ही रास आएगा बाहर का विश्वास 35 टुकड़ो में मिल जायेगा इस मौके पर मेला प्रबंधक राम लखन मिश्रा, पुनीत मिश्रा सहित भारी संख्या में श्रोता मौजूद रहे l

ये भी पढ़ें -लखनऊ : एसजीपीजीआई में आग की दूसरी घटना, डॉक्टर के आवास में लगी आग

संबंधित समाचार